जयपुर में पिछले कुछ दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहीं पुलवामा हमले में बलिदानियों की तीन वीरांगनाओं को तड़के तीन बजे धरना स्थल से हटा कर पुलिस ने उन्हें जांच के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया। मामले का पता लगते ही भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा तुरन्त जयपुर से रवाना हो गए। इस पर पुलिस ने जयपुर ग्रामीण जिले के सामोद थाने पर रोक लिया। मामला इतना गरमा गया कि किरोड़ी लाल मीणा और पुलिसकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की हो गई। किरोडी खुद ही पुलिस की बैरिकेडिंग हटाने लगे। इस पर काफी विवाद भी हुआ। पुलिस के उच्च अधिकारियों ने भी किरोडी लाल से बात कर उन्हें शांत करने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। बाद में पुलिस ने सांसद मीणा को हिरासत में ले लिया। बताया जा रहा है कि सामोद पुलिस ने पहले उनको रोका, लेकिन नहीं मानने पर डिटेन कर लिया।
मैं अपने समर्थकों के साथ सामोद बालाजी के दर्शन करने जा रहा था, लेकिन सामोद थाना पुलिस ने मुझे रोका और मेरे साथ दुर्व्यवहार व हाथापाई की। क्या वीरांगनाओं के साथ खड़ा होना इतना बड़ा गुनाह है कि @ashokgehlot51 सरकार एक जनप्रतिनिधि के साथ इस तरह का आचरण कर रही है? pic.twitter.com/OqkuLH2ZcB
— Dr. Kirodi Lal Meena (@DrKirodilalBJP) March 10, 2023
जानकारी के अनुसार वीरांगना मंजू को धरना स्थल से उठाकर पुलिस ने उनके देर रात करीब तीन बजे उनके गांव गोविंदपुरा बासड़ी छोड़ा था। अब उन्हें अमरसर पीएचसी में भर्ती करवाया गया है। वहीं एक अन्य वीरांगना सुंदरी को भरतपुर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। किरोड़ी मंजू से मिलने के लिए जा रहे थे। इस दौरान पुलिस ने किरोड़ी लाल मीणा के समर्थकों को सामोद पुलिस थाने के बाहर बैरिकेड्स लगाकर रोका। मामला बढता देख जयपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक डॉ.राजीव पचार मौके पर पहुंचे और उन्हें अपनी गाडी में बैठा कर ले गए।
जानकारी में सामने आया कि पुलिस की धक्का-मुक्की में उन्हे चोट लगी और उनके कपडे में फट गए है। जिसके बाद उन्हें जयपुर ग्रामीण जिले के गोविंदगढ राजकीय सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र अस्पताल में भर्ती कराया गया है।बाद में चिकित्सकों ने सांसद मीणा को जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के लिए रैफर कर दिया।
किरोड़ी लाल ने बताया कि पुलिस का एक सांसद के साथ में यह कैसा व्यवहार है। हिरासत में लेने के लिए उनके साथ धक्का-मुक्की व हाथापाई की गई। उनके कपड़े फाड़ दिए गए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार कान खोलकर सुन ले इस तानाशाही के बाद भी वह झुकने और रुकने वाला नहीं है। शहीदों की वीरांगनाओं को हर हाल में न्याय दिला कर रहेंगे।
पुलिस का एक सांसद के साथ में यह कैसा व्यवहार है। हिरासत में लेने के लिए मेरे साथ धक्का-मुक्की व हाथापाई की गई। मेरे कपड़े फाड़ दिए गए। सरकार कान खोलकर सुन ले- इस तानाशाही के बाद मैं झुकने और रुकने वाला नहीं हूं। शहीदों की वीरांगनाओं को हर हाल में न्याय दिलवा कर रहूंगा। pic.twitter.com/fvxo4xpykG
— Dr. Kirodi Lal Meena (@DrKirodilalBJP) March 10, 2023
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट के घर के बाहर धरना दे रही पुलवामा बलिदानियों की पत्नियों को पुलिस ने रात 3 बजे को धरना स्थल से उठाकर अस्पताल में भर्ती करवा दिया था। वहीं पुलिस ने धरने पर बैठे वीरांगनाओं के परिजनों और किरोड़ी लाल मीणा के समर्थकों को हिरासत में लिया था। वीरांगनाओं के साथ धरना स्थल पर समर्थन में ये लोग बैठे थे। हिरासत में लिए समर्थकों को पुलिस जयपुर से बाहर महिंद्रा सेज थाने पर ले गई। इस घटना की जानकारी मिलते ही सांसद किरोड़ी लाल मीणा सेज थाने पहुंचे गए थे। वह थाने के बाहर ही धरने पर बैठ गए थे। इसके मद्देनजर पुलिस ने थाने के आसपास भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है।
इधर, शहीद की वीरांगनाओं को धरना स्थल से हटाने पर पुलिस ने अपना अपना पक्ष रखा है। पुलिस उपायुक्त योगेश गोयल ने बताया कि वीरांगनाओं की तबीयत खराब हो गई थी। लिहाजा उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भेजा गया है। उन्होंने कहा कि तीनों वीरांगनाओं मंजू लांबा, मधुबाला मीणा और सुंदरी देवी का धरना स्थल पर मेडिकल जांच किया गया। जिसमें उनकी तबीयत नासाज बताई गई थीं। तब जाकर आधी रात को धरना स्थल से उन्हें उनके जिला अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया है।
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