झाबुआ : भारतीय संस्कृति से विमुख होती नई पीढ़ी को जोड़ने के लिए शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने अनूठी पहल की है, जिसको लेकर अब छात्रों की अंक सूची में भारतीय जन्म तिथि दर्ज की जाएगी। इसी के साथ छात्र-छात्रओं का जन्मदिन भी भारतीय जन्म तिथि के अनुसार ही मनाया जाएगा। इसके लिए स्कूली बच्चों की भारतीय जन्मतिथि का आंकड़ा इक्ट्ठा किया जा रहा है।
विस्मित होती भारतीय संस्कृति से नई पीढ़ी को फिर से अवगत कराने के लिए शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने ये पहल की है। जिसके तहत अब शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों की मार्कशीट में उनकी जन्म तिथी के साथ भारतीय तिथि भी लिखी हुई होगी।
इतना ही नहीं बच्चो का जन्मदिन अंग्रेजी तारीख के अनुसार ना होकर भारतीय संस्कृति के अनुरूप तिथि से ही मनाया जाएगा। जिसको लेकर पहले चरण का काम शुरू हो गया है, इसमें शारदा समूह से जुड़े अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों के लगभग ढाई हजार बच्चों के जन्म की भारतीय तिथि की जानकारी एकत्र जा रही है।
आपको बतादें, भारत में सभी तीज-त्योहार तिथि के मुताबिक ही मनाए जाते हैं। इतना ही नहीं, हर शुभ काम फिर वह चाहे शादी-विवाह हो, बच्चे का नामकरण, मुंडन संस्कार से लेकर दिवंगत लोगों के श्राद्धकार्य सभी तिथि के अनुसार ही किए जाते हैं। यहां सिर्फ जन्मदिन को ही अंग्रेजी तारीख के अनुसार मनाया जाता है। जिसे अब भारतीय तिथि के अनुसार मनाया जाएगा।
इस परंरपरा को शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने बदलने को लेकर यह अनोखी पहल की शुरुआत का है। इसके लिए न्यास ने शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे छात्र-छात्रों के जन्म की भारतीय तिथि का आंकड़ा एकत्र करने का फैसला किया है। यह तिथि संबंधित छात्र-छात्राओं की मार्कशीट में दर्ज होगी। इतना ही नहीं उन सभी बच्चों के अभिभावकों से भारतीय तिथि के अनुसार जन्मदिन मनाने का निवेदन भी किया जाएगा। अभिभावकों से यह भी निवेदन किया जाएगा कि वह बच्चों को यह बताएं कि उसका जन्मदिन भारतीय तिथि को क्यों मनाया जा रहा है। इससे उसका अपनी संस्कृति से जुड़ाव बढ़ेगा और वह अपनी संस्कृति को और अच्छे से समझ पाऐंगे। बहरहाल, अभी शारदा समूह की संस्थाओं से इस अनूठे अभियान की शुरुआत हुई है। इसके बाद इस अभियान को और आगे बढ़ाने की योजना है।
नई दिल्ली, क्षेत्रीय सह संयोजक शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के ओम शर्मा ने कहा कि हमारे देश में सभी तीज और त्योहार यहां तक सभी शुभ कार्य तिथि के अनुसार ही मनाए जाते हैं। जैसे पूर्णिमा को होली दहन होता है, तो वहीं अमावस्या को दीवाली मनाई जाती है। इन त्योहारों की तारीख बदल सकती है, पर इनकी तिथि कभी नहीं बदलती है। देश में सिर्फ जन्मदिन ही अंग्रेजी तारीख के अनुसार मनाया जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि जब पूरा संसार भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने के लिए उत्सुक है, तो फिर हम क्यों पाश्चात्य संस्कृति की ओर बढ़ रहे हैं ? उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है, कि अब बच्चों का जन्मदिन भारतीय तिथि के अनुसार मनाया जाए, और इस बारे में बच्चों को भी जानकारी देने का हमारा प्रयास रहेगा। उन्होंने ये भी बताया कि इस दिशा में हम पिछले 6 महीनों से कोशिश कर रहे हैं। जिसको लेकर काफी कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा है, क्योंकि ज्यादातर लोगों को अपने बच्चों की जन्म की अंग्रेजी तारीख तो पता है, लेकिन किस तिथि में उनका जन्म हुआ था, इसकी उन्हें जानकारी नहीं होती है, जो बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। जिसको लेकर हम लोग एक ऐप की मदद से तिथि की जानकारी एकत्र करने में जुटे हुए हैं। यह तिथि बच्चों की मार्कशीट में दर्ज करवाई जाएगी।
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