रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 70 एचटीटी-40 बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट और लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (एलएंडटी) के साथ तीन कैडेट प्रशिक्षण जहाजों की खरीद के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। रक्षा में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 01 मार्च को वायु सेना के लिए ट्रेनर एयरक्राफ्ट और नौसेना के लिए प्रशिक्षण जहाजों की खरीद को मंजूरी दी थी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘खरीद-भारतीय-आईडीडीएम’ (स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित) श्रेणी के अंतर्गत 3,108.09 करोड़ रुपये की कुल लागत से तीन कैडेट प्रशिक्षण जहाजों की खरीद को मंजूरी दी है। इसके लिए आज लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (एलएंडटी) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये गए। इन जहाजों की डिलीवरी 2026 से शुरू की जाएगी। यह जहाज महिला ऑफिसर कैडेट्स को समुद्र में ट्रेनिंग देने के काम आएंगे, ताकि भारतीय नौसेना की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। राजनयिक संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से ये पोत मित्र देशों के कैडेटों को प्रशिक्षण भी देंगे।
इन जहाजों को चेन्नई के कट्टुपल्ली में एलएंडटी के शिपयार्ड में स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। ये परियोजना साढ़े चार साल की अवधि में 22.5 लाख मानव-दिवस का रोजगार सृजित करेगी। ये एमएसएमई सहित भारतीय जहाज निर्माण और संबद्ध उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी। स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त अधिकांश उपकरणों और प्रणालियों के साथ ये पोत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप ‘आत्मनिर्भर भारत’ के भी गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय वायु सेना के लिए 6,828.36 करोड़ रुपये की लागत से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 70 एचटीटी-40 बेसिक ट्रेनर विमान की खरीद को मंजूरी दी है। विमान की आपूर्ति छह वर्ष की अवधि में की जाएगी। एचटीटी-40 टर्बोप्रॉप विमान है, जिसे वायु सैनिकों को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पूरी तरह से एरोबैटिक एक के पीछे एक सीट वाले टर्बो ट्रेनर में वातानुकूलित कॉकपिट, आधुनिक एवियोनिक्स, गर्म री-फ्यूलिंग, रनिंग चेंज ओवर और इजेक्शन सीट है। विमान नए शामिल पायलटों के प्रशिक्षण के लिए भारतीय वायुसेना के बुनियादी ट्रेनर विमान की कमी को पूरा करेगा।
स्वदेशी ट्रेनर विमान भारतीय सशस्त्र बलों की भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए अपग्रेड किया जा सकता है। एचटीटी-40 में लगभग 56 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री होगी, जो प्रमुख पुर्जों और उप-प्रणालियों के स्वदेशीकरण के माध्यम से 60 प्रतिशत से अधिक तक बढ़ जाएगी। एचएएल अपनी आपूर्ति श्रृंखला में एमएसएमई सहित भारतीय निजी उद्योग को शामिल करेगा। इस खरीद से लगभग 1,500 कर्मियों को प्रत्यक्ष रोजगार और 100 से अधिक एमएसएमई में फैले 3,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है। एचटीटी-40 का अधिग्रहण भारतीय एयरोस्पेस रक्षा इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करेगा और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में प्रयासों को बढ़ावा देगा।
अनुबंध के समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने, रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, सैन्य अधिकारी, एचएएल और एलएंडटी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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