वाराणसी में होली को देखते हुए कैंट स्टेशन पर जगह-जगह तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में कैंट स्टेशन पर जीआरपी द्वारा दो लोगों को हिरासत में लिया गया। जिनके पास से 1 करोड़ की नगदी बरामद किया गया है। दोनों ही झारखंड के धनबाद के रहने वाले हैं। पकड़े गए दोनों आरोपी का नाम सुबोध चौधरी और अभिषक सिन्हा है। जीआरपी इंस्पेक्टर हेमंत कुमार सिंह ने इसकी सूचना आयकर विभाग को दी। आयकर विभाग के जांच में दोनों के पास से कोई कागजी सबूत नहीं मिला।
जीआरपी सीओ कुंवर प्रताप सिंह ने बताया कि होली को लेकर हमारी टीम लगातार प्लेटफॉर्म और ट्रेन के अंदर चेकिंग अभियान चला रही है। सीसीटीवी के जरिए नजर रखा जा रहा है। दो संदिग्ध व्यक्ति प्लेटफॉर्म नंबर 9 पर देहरादून एक्सप्रेस पर चढ़ते दिखे। जीआरपी को संदेह होने पर पूछताछ शुरू किया। तलाशी के दौरान पिट्ठू बैग से नोटों की गड्डियां निकलनी शुरू हुईं। दोनों धनबाद भागने के फिराक में थे। इनके पास से ढाई-ढाई लाख की चालीस गड्डियां बरामद हुईं। पूछताछ में दोनों ने बताया कि पैसा, धनबाद के अभिषेक अग्रवाल का है। उनके फर्म का नाम श्याम ट्रेडर्स है। सरिया और सीमेंट कार्य करता है। ये पैसा उन्हीं का है। पैसा लेने अभिषेक अग्रवाल द्वारा ही उनको काशी भेजा गया था। दोनों के पास रुपयों से जुड़ा कोई कागजात नहीं मिला। किसी को शक न हो इसलिए दोनों जनरल बोगी से सफर करने वाले थे।
पकड़े गए संदिग्धों को एक मोबाइल नंबर दिया गया था। जिसपर इन्होंने संपर्क किया तो एक व्यक्ति ने इन्हें मलदहिया स्थित पेट्रोल पंप पर बुलाया। यहां दोनों को एक-एक पिट्ठू बैग थमा दिया। दोनों ने शहर घूमने के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन भी किया। सुबोध ने बताया कि वह 13 हजार के मानदेय पर काम करता है। दूसरा आरोपी अभिषेक सिन्हा ने बताया कि मार्केटिंग का काम करता है। आयकर विभाग के अधिकारी समीर श्रीवास्तव और दिलीप कुमार को भी जांच में कोई कागजात नहीं मिला। दोनों से पूछताछ कर जिसने इन्हें काशी भेजा, उससे संपर्क किया जा रहा है।
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