बात अरब देश की है, लेकिन भारत की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है। खबर है कि सऊदी अरब के अनेक विश्वविद्यालयों में अब योग की कक्षाएं लगाई जाएंगी। यह काम बहुत जल्दी शुरू होने वाला है। इसके लिए जरूरी खास पाठ्यक्रम भी तैयार किया गया है। सऊदी अरब की सरकार तो बहुत पहले ही इसके लिए कमेटी बना चुकी है। बताते हैं यह कमेटी पहले से ही अपने काम में जुट चुकी है।
उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले सऊदी अरब की सरकार ने एक बयान में कहा था कि दिमाग और शरीर को संतुलित करने में योग का जवाब नहीं है। इसलिए अब स्कूलों और कॉलेजों में योग को पाठ्यक्रमों में शामिल करने की ओर कदम बढ़ाए जाएंगे।
नाउफ कहती हैं कि इस पूरे विषय में सऊदी सरकार के खेल मंत्रालय का पूरा योगदान प्राप्त हो रहा है। इससे उन्हें अब योग के बेहतर प्रशिक्षक प्राप्त होंगे। राउफ खुद सऊदी अरब में रहते हुए पिछले दस साल से योग साधना में रत हैं। पिछले पांच साल से वे लोगों के बीच योग को ख्याति दिला रही हैं।
सऊदी योग कमेटी की अध्यक्ष नाउफ अल मारवई के अनुसार, वहां की सरकार योग को शिक्षा का जरूरी अंग बनाने के कार्यक्रम पर सक्रियता से जुट चुकी है। सऊदी अरब की वेबसाइट ‘द नेशनल’ ने मारवई को उद्धृत करते हुए बताया है कि इस इस्लामी देश के कई विश्वविद्यालयों में योग की कक्षाएं लगाई जाएंगी। नाउफ बताती हैं कि इस संबंध में सऊदी योग कमेटी, सऊदी खेल संघ तथा शिक्षा मंत्रालय के बीच एक करार हो चुका है। यह करार आने वाले वक्त में सभी विश्वविद्यालयों में योग की शिक्षा देने को लेकर है।
नाउफ यह भी बताती हैं कि योग के प्रशिक्षण, प्रतियोगिताओं और इससे जुड़ी अन्य सामाजिक गतिविधियों में विशेषज्ञों के सहयोग से शोध भी शुरू की जाएगी। रियाद विश्वविद्यालय में इसके लिए एक खास प्रशिक्षण सत्र आयोजित हो ही चुका है।
नाउफ कहती हैं कि इस पूरे विषय में सऊदी सरकार के खेल मंत्रालय का पूरा योगदान प्राप्त हो रहा है। इससे उन्हें अब योग के बेहतर प्रशिक्षक प्राप्त होंगे। राउफ खुद सऊदी अरब में रहते हुए पिछले दस साल से योग साधना में रत हैं। पिछले पांच साल से वे लोगों के बीच योग को ख्याति दिला रही हैं। उनके प्रयास से आज सऊदी अरब में पुरुषों और महिलाओं में भी योग के प्रति रुचि बढ़ रही है।
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