उत्तर प्रदेश सरकार लगातार गुंडों, माफिया और संगठित अपराध करने वालों पर कार्रवाई कर रही है। इसी क्रम में गाजीपुर जिले में मुख्तार अंसारी के करीबी रहे कमलेश सिंह प्रधान के दो मंजिला मकान पर बुलडोजर की कार्रवाई हुई। फुल्लनपुर क्रॉसिंग के पास बने मकान को भारी संख्या में मौजूद फोर्स के बीच ध्वस्त कर दिया गया। कमलेश प्रधान हिस्ट्रीशीटर था। उसकी मौत दो साल पहले ही हो चुकी थी। एसडीएम के मौजूदगी में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गयी।
इसी आलीशान मकान में वाणिज्यकर कार्यालय भी था। कार्यालय को शनिवार को खाली करा दिया गया था। बिल्डिंग कमलेश प्रधान की पत्नी उषा देवी के नाम पर थी। प्रशासन के अनुसार मकान अवैध तरीके से बनाया गया था। जिसका नक्शा भी पास नहीं था। मई 2022 में ही जिलाधिकारी ने इसे गिराने का आदेश दिया था। 20 सालों से इस मकान में वाणिज्यकर ऑफिस, यूनियन बैंक और 7 दुकानें खुली थीं। शनिवार को पूरी बिल्डिंग को खाली करा दिया गया था।
डहन गांव निवासी कमलेश प्रधान पर 35 मुकदमे थे। अवैध तरीके से कमलेश ने करोड़ों की संपति अर्जित की थी। पूर्वांचल में मुख्तार अंसारी गैंग के लिए कई बड़े वारदातों में कमलेश का नाम सुर्खियों में आया था। वाराणसी में अवधेश राय हत्याकांड में भी कमलेश का नाम आया था। कमलेश ने मकान के पास रेलवे की जमीन पर भी कब्जा किया था। जिलाधिकारी कोर्ट में इस मामले में पहले से केस दर्ज था। शुक्रवार को मुख्तार अंसारी के दो बेटों के एक दो मंजिला मकान को भी गिराया गया था।
मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि कमलेश प्रधान ने अपने आका मुख्तार अंसारी की हनक के दम पर रेलवे की जमीन को घेरकर इस बिल्डिंग का निर्माण करवाया था। साथ ही इस बिल्डिंग का नक्शा भी नहीं पास करवाया गया था।
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