यूपी के रामपुर में किसानों की जमीनें कब्जाने के मामले में कोर्ट ने आजम खां के करीबी सपा विधायक नसीर अहमद और बड़े बेटे अदीब आजम सहित छह लोगों के वारंट जारी कर दिए हैं। जांच के बाद पुलिस इन सभी के खिलाफ चार्जशीट लगा चुकी है मगर अभियुक्त कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहे हैं।
रामपुर के अजीमनगर थाने में चार साल पहले किसानों की जमीन कब्जाने के 12 मुकदमे दर्ज किए गए थे। एफआईआर में किसानों ने कहा था कि आजम खां और उनके करीबी लोगों ने जौहर यूनिवर्सिटी के पक्ष में अपनी जमीनों का बैनामा करने का दबाव बनाया था। विरोध पर जबरन उनकी जमीनों पर कब्जा कर लिया गया और उनको जौहर यूनिवर्सिटी में मिला लिया गया। आजम खां के इशारे पर उनके करीबी सीओ सिटी आले हसन खां ने किसानों को बेवजह हवालात में बंद रखा और चरस, अफीम रखने के झूठे मुकदमे में जेल भेजने की धमकी देकर उस वक्त उनकी जुबान बंद कर दी। जौहर यूनिवर्सिटी का संचालन जौहर ट्रस्ट के जरिए होने के कारण पुलिस ने जांच के बाद ट्रस्ट के सदस्यों को भी कार्रवाई के दायरे में ले लिया था। इस मामले में अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिए गए।
रामपुर में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में एक दिन पहले किसानों से जुड़े मामलों की सुनवाई हुई। अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि मामले में आजम खां समेत 12 मुलजिम बनाए गए हैं। इनमें आजम और पांच अन्य की न्यायालय में हाजिरी माफी आ रही है। बाकी अभियुक्तों में शामिल रामपुर की चमरौआ सीट से विधायक आजम के करीबी नसीर अहमद, आजम खां के बड़े बेटे अदीब आजम, रिटायर सीओ आले हसन सहित, जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन सलीम कासिम, मुश्ताक अहमद और जेड आर सिद्दीकी न तो कोर्ट में पेश हो रहे हैं और न ही उनकी हाजिरी माफी आ रही है। अदालत ने उन सभी छह लोगों के जमानती वारंट जारी किए हैं।
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