मेरठ में बिना सरकारी अनुमति के मीट पैकेजिंग फैक्ट्री चलाने के आरोप में जेल में बंद हाजी याकूब कुरैशी की कंपनी को बैंक ने बीस करोड़ का ऋण मंजूर कर लिया और नौ करोड़ रुपए की पहली अदायगी भी कर दी। इस मामले की जानकारी आने पर एसएसपी मेरठ ने बैंक अधिकारियों का जवाब तलब किया है।
एसएसपी रोहित सजवान के मुताबिक पूर्व सांसद हाजी याकूब कुरैशी इन दिनों गैंगस्टर एक्ट में जेल में बंद है, उनके पुत्रों सहित कुल 17 लोगों पर बिना सरकार की अनुमति के मीट पैकेजिंग फैक्ट्री चलाने का आरोप है। अलफहिम मीटैक्स नाम की इस फैक्ट्री पर प्रशासन की सील लगी हुई है। इसके बावजूद एक बैंक ने इस कंपनी को नौ करोड़ रुपए का लोन की किश्त जारी कर दी है। जांच में ये मामला सामने आया है कि कुल बीस करोड़ का लोन पास किया गया है। इस मामले में बैंक के अधिकारियों को एसएसपी कार्यालय बुलाकर पूछा गया है कि बिना जांच पड़ताल के कैसे लोन पास कर दिया गया। इस घटना की जानकारी पुलिस द्वारा बैंक मुख्यालय तक दी गई है।
जानकारी के मुताबिक फैक्ट्री में और भी साझेदार बताए गए हैं, जिसके बाद पुलिस ने और गहनता से जांच शुरू की है कि इसमें हाजी याकूब और उनके परिवार का कितना अंश है? पुलिस अब अन्य साझेदारों को भी अपने शिकंजे में लेने जा रही है। उधर पुलिस प्रशासन ने कोर्ट के आदेश पर सील किए करीब पांच करोड़ के मांस में से 58 फीसदी मांस को सही पाया, जिसे रिलीज कर दिया गया है। शेष 42 प्रतिशत को नष्ट करवा दिया है।
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