गुरुग्राम। भारत ने बुधवार को जी-20 देशों के भ्रष्टाचार रोधी कार्य समूह की पहली बैठक के दौरान भगोड़े आर्थिक अपराधियों के तेज प्रत्यर्पण और संपत्ति वसूली के लिए बहुपक्षीय कार्रवाई का आह्वान किया।
हरियाणा के गुरुग्राम में आयोजित जी-20 देशों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसे प्रशासनिक तंत्र में विश्वास रखते हैं जहां भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाता हो।
उन्होंने कहा कि आर्थिक अपराध कई देशों के सामने एक बड़ी समस्या है। खासकर जब अपराधी देश के अधिकार क्षेत्र से भाग जाते हैं। भारत ने इस संबंध में भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 कानून बनाया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने जी-20 प्रतिनिधियों को कहा कि भारत का मानना है कि अपराध से कमाए धन की शीघ्र जब्ती के तंत्र को मजबूत करने से अपराधी अपने देश लौटने के लिए मजबूर होंगे। प्रवर्तन निदेशालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को लगभग 180 बिलियन अमरीकी डालर की संपत्ति हस्तांतरित की है, जिन्हें अमीर व्यक्तियों की धोखाधड़ी के कारण लगभग 272 बिलियन अमरीकी डालर का नुकसान हुआ है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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