भारत ने ब्रिटेन से दो टूक शब्दों में कहा है कि ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) को भारत के कानूनों और नियमों के अनुसार काम करना होगा।
जी20 विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने आए ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बुधवार को हुई बैठक में बीबीसी पर आयकर विभाग के छापे/सर्वे का मामला उठाया था। बाद में उन्होंने मीडिया से कहा था कि बीबीसी एक स्वतंत्र मीडिया संस्थान है। भारतीय एजेंसियों की कार्रवाई के संबंध में उन्होंने जयशंकर के समक्ष यह मुद्दा उठाया था।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों ब्रिटेन की संसद में बीबीसी पर पड़े छापे/सर्वे का मामला उठा था। ब्रिटेन सरकार की ओर से कहा गया था कि वह प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी पर किसी प्रकार का दबाव डालने का विरोध करती है। संसद को बताया गया था कि इस संबंध में भारत सरकार से बात की जाएगी।
आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि वे बीबीसी के मुद्दे पर भारत सरकार से बात करेगी।
ब्रिटिश विदेश मंत्री के बयान के तुरंत बाद विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि भारत की ओर से सख्त लहजे में स्पष्ट किया गया है कि बीबीसी को भारतीय नियमों और कानूनों का पालन करना होगा।
सीपीआर का एफसीआरए लाइसेंस रद्द
एक अन्य घटनाक्रम में प्रमुख थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) को विदेशी चंदा लेने के लिए जारी एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। कुछ समय पूर्व एक अन्य विदेशी गैर-सरकारी संस्था ऑक्सफैम के खिलाफ भी कार्रवाई की गई थी।
कूटनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि विदेशों से चंदा लेने वाली संस्थाओं के खिलाफ नियामक संस्थाओं की यह कार्रवाई विदेशी सरकारों को संकेत है कि भारत में कार्यरत ऐसी संस्थाओं और एजेंसियों को देश के नियमों और कानूनों के तहत ही काम करना होगा।
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