पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने अपने 3-2 के फैसले में खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब विधानसभा के चुनाव 90 दिन के भीतर कराने का आदेश दिया है। फैसले में कहा गया है कि दोनों प्रांतीय विधानसभा जनवरी में भंग होने के बाद से कार्यवाहक सरकारों के अधीन हैं। दोनों प्रांतों में 90 दिनों के भीतर चुनाव होने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर अपनी रिपोर्ट मुल्क के प्रमुख अखबार डॉन ने आज (बुधवार) कुछ देर पहले अपनी वेबसाइट पर प्रसारित की है।
रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया है -‘संसदीय लोकतंत्र संविधान की एक प्रमुख विशेषता है। संसद या प्रांतीय विधानसभाओं के बिना कोई संसदीय लोकतंत्र नहीं हो सकता है। और न तो संसद और न ही प्रांतीय विधानसभाएं आम चुनाव के आयोजन के बिना हो सकती हैं, जैसा कि संविधान द्वारा और उसके तहत परिकल्पित, आवश्यक और अनिवार्य है।’
डॉन के मुताबिक पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर और न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर के बहुमत के फैसले की आज घोषणा की गई। फैसले में कहा गया है कि चुनाव आयोग को सक्रिय रूप से राष्ट्रपति या राज्यपाल के लिए उपलब्ध होना चाहिए और आम चुनाव कराने की तारीख के लिए आवश्यक परामर्श के लिए तैयार रहना चाहिए।
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