महिलाएं भी छोड़ रहीं इस्लाम

मुस्लिम महिलाएं भी इस्लाम छोड़ने की हिम्मत दिखा रही हैं

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WEB DESK

कुरान या मुहम्मद साहब ने तो लौंडी रखना प्रतिबंधित नहीं किया। इसे तो मानवाधिकार वालों ने, दुनिया वालों ने प्रतिबंधित बैन किया।

सिर्फ पुरुष ही नहीं, मुस्लिम महिलाएं भी इस्लाम छोड़ने की हिम्मत दिखा रही हैं। सीरिया की एक्स-मुस्लिम डॉ. वफा सुल्तान ने वीडियो जारी कर इस्लाम छोड़ने की घोषणा की और इस्लाम के तहत महिलाओं की अंधकारमय जिंदगी को उद्घाटित किया।

@पाकिस्तानीकाफिर ट्विटर हैंडलर ने ट्वीट किया कि इस्लाम में निकाह के लिए लड़कियों की कोई न्यूनतम उम्र निर्धारित नहीं है। इसलिए कुछ मुस्लिम अपनी बच्चियों को ऐसे ढकते हैं, जैसे वे कोई सेक्सुअल आब्जेक्ट हों।

एक्स मुस्लिम चैनल ‘सचवाला’ के एक कार्यक्रम में एक्स मुस्लिम लड़की जन्नत ने कहा कि सुन्नत तो उसको कहा जाता है जो मुहम्मद साहब के जीवन से साबित हो, जो उन्होंने किया हो। उन्होंने लौंडी रखी तो अभी जो लोग सुन्नत का पालन करते हैं, वे कहें कि उन्हें लौंडी रखना है तो क्या यह सही है?

कुरान या मुहम्मद साहब ने तो लौंडी रखना प्रतिबंधित नहीं किया। इसे तो मानवाधिकार वालों ने, दुनिया वालों ने प्रतिबंधित बैन किया। जन्नत कहती हैं कि मौलाना बताते हैं कि मुस्लिम मर्दों को जन्नत में 72 हूरें मिलेंगी। मैं रोजा रखती हूं, नमाज पढ़ती हूं, हर इबादत करती हूं।

मैंने हर जगह ढूंढा कि औरतों को क्या मिलेगा, लेकिन कहीं कुछ नहीं मिला। अल्लाह मुझसे इतनी नफरत क्यों करता है कि वह मुझे कुछ नहीं देगा। इस पर मौलाना ने कहा कि कुछ है, जो मिलेगा। लेकिन अल्लाह ने बताना जरूरी नहीं समझा। तो क्या हम इतने गैर-जरूरी हैं कि अल्लाह ने लिखना भी जरूरी नहीं समझा। और अगर गुमराह भी रखा तो ये भी तो नाइंसाफी है।

आपने तो मर्दों को बता दिया कि आपको यह-यह-यह मिलेगा, लेकिन औरतों को गुमराह रखा। इस पर मौलाना बताते हैं कि अल्लाह ने मर्दों को ज्यादा ताकतवर बनाया है। इसीलिए वह चार-चार औरतें रख सकता है। फिर दुनिया में तमाम दवाएं मर्दाना ताकत के लिए ही क्यों बनी हैं? मैंने तो औरतों की ताकत बढ़ाने के लिए कोई दवा नहीं सुनी।

ईएक्सएमएनए अभियान के लिए वीडियो रिकॉर्ड करने वाली मेरिम के अनुसार, इस्लाम छोड़ने के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि वह अब केवल प्रार्थना या उपवास नहीं करती है। वह कहती हैं, ‘‘मैं एक विषाक्त, अपमानजनक और पितृसत्तात्मक वातावरण से मुक्त हो रही हूं। कोई भी मुझे कुछ पहनने के लिए, या कुछ करने के लिए, या कुछ महसूस करने के लिए, या कुछ ऐसा दिखने, जो मैं नहीं हूं, के लिए मजबूर नहीं कर सकता है।

आस्ट्रेलिया के एक्स-मुस्लिम सपोर्ट नेटवर्क की सह-संस्थापक और @HereticalGray ट्विटर हैंडल से जानी जाने वाली निक बताती हैं कि वह अल्लाह के बिना कमाल की क्यों हैं। उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि किसी भी बच्चे को हिजाब या नकाब के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि मेरी कीमत कपड़े से तय नहीं होती। क्योंकि मेरा हिजाब हटाने का मतलब यह नहीं है कि मैं एक अनैतिक व्यक्ति हूं, जो बलात्कार के लायक है।’’

यास्मीन मोहम्मद ने ट्वीट किया, ‘‘हम अब कुछ संकीर्णतावादी मांग के आदेशों के अधीन नहीं हैं। अब हम जीवन का आनंद लेने के लिए स्वतंत्र हैं, जैसा हम चाहते हैं। हमारा मन यह सोचने के लिए स्वतंत्र है कि हम क्या चाहते हैं।

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