यूपी के मुरादाबाद में अल्ट्रासाउंड जांच के लिए अब ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की गर्भवतियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। न ही उन्हें जांच के लिए महिला अस्पताल पर ही निर्भर होना पड़ेगा। बहुत जल्द उन्हें घर के पास में ही बने निजी अस्पतालों में निःशुल्क अल्ट्रासाउंड की सुविधा का लाभ मिलेगा। कांठ, बिलारी और ठाकुरद्वारा की सीएचसी पर इसी माह के अंत तक यह नई व्यवस्था लागू हो जाएगी। यहां सीएचसी पर गर्भवतियों को अगले माह पीएमएसएमए दिवस पर अल्ट्रासाउंड के लिए ई-वाउचर मिलेगा। इसकी मदद से वह निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर पर जाकर निशुल्क जांच करा सकेंगी।
पीएमएसएमए दिवस पर शनिवार को उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली 572 महिलाओं की अन्य महत्वपूर्ण जांचें भी हुई। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विश्राम सिंह ने बताया कि जिले में केवल महिला अस्पताल में ही अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था है। जहां इसकी व्यवस्था नहीं है, वहां ई-वाउचर की मदद से निजी अस्पताल में निशुल्क अल्ट्रासाउंड गर्भवती करा सकेंगी। नई व्यवस्था के लागू होने से ग्रामीण क्षेत्र से अल्ट्रासाउंड के लिए आने वाली गर्भवतियों को बार-बार परेशान नहीं होना पड़ेगा। गर्भवतियों की सुविधा के लिए ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह पहल की गई है। जांच का पूरा खर्चा एनएचएम के तहत उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर से संपर्क किया जा रहा है। कोशिश की जा रही है आगामी नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस के दिन अधिक संख्या में निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर में गर्भवतियों को इसका लाभ मिले। जो भी अस्पताल यह सुविधा देंगे, उसकी जानकारी आम लोगों तक बहुत जल्द पहुंचाने का भी प्रयास किया जाएगा।
ऐसे मिलेगा ई-वाउचर :
लाभार्थी को पहले नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपना नाम व फोन नंबर बताना होगा। वहां सीएचसी पर एक ई-वाउचर जनरेट होगा। इस वाउचर को जब लाभार्थी नजदीकी निजी अस्पताल में जांच के लिए लेकर जाएगा तो उसके फोन पर एक ओटीपी आएगा। जब लाभार्थी ओटीपी बताएगा तभी अल्ट्रासाउंड संचालक अल्ट्रासाउंड कर पाएगा। इस तरह से काम में पारदर्शिता भी आएगी।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस पर यह दी जाती है सुविधा :
हर माह की नौ और 24 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जाता है। इस दिन गर्भवती की कई महत्वपूर्ण जांच जैसे खून की जांच, हीमोग्लोबिन, पेशाब की जांच, एचआईवी, सिप्लिस आदि निशुल्क सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर की जाती हैं। गर्भवती को निशुल्क एंबुलेंस की व्यवस्था भी दी जाती है।
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