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एफएटीएफ, रूस और यूक्रेन के साथ खड़ा यूरोप

यूरोपीय देशों को एफएटीएफ के इस कदम से कोई ज्यादा हैरानी नहीं हुई है। राष्ट्रपति बाइडेन के कीव और वारसा के औचक दौरों से लौटने के बाद अमेरिका ने भी रूस के विरुद्ध कुछ और सख्त प्रतिबंध घोषित किए हैं

by WEB DESK
Feb 25, 2023, 12:00 pm IST
in विश्व
प्रतीकात्मक चित्र

प्रतीकात्मक चित्र

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जैसा कि बहुत वक्त से कयास लगाया जा रहा था, वैसा एफएटीएफ ने कर​ दिया है। इस संस्था ने रूस की प्राथमिक सदस्यता फिलहाल स्थगित कर दी है। रूस—यूक्रेन युद्ध के एक साल पूरे होने पर एफएटीएफ ने लंबे विचार—विमर्श के बाद आखिरकार यह कदम उठा ही लिया।

आतंकवाद को पैसा मिलने के स्रोतों पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ने इस निर्णय की घोषणा के साथ कहा है संस्था रूस द्वारा यूक्रेन के विरुद्ध युद्ध छेड़ने की कड़ी भर्त्सना करती है। एफएटीएफ के सदस्य देशों में प्रमुख रूप से अमेरिका, भारत, चीन, सऊदी अरब, ब्रिटेन, जर्मनी तथा फ्रांस और यूरोपीय संघ के अन्य देशों सहित 39 देश हैं। दिलचस्प बात यह है कि यूक्रेन तो एफएटीएफ का सदस्य भी नहीं है।

एफएटीएफ यानी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने रूस को यह ‘दंड’ उसके ‘अवैध और बिना उकसावे के फौजी हमले’ के लिए दिया है। कल 24 फरवरी को रूस की संस्था से वर्षों पुरानी सदस्यता निलंबित की गई। अपने इस कदम के पक्ष में एफएटीएफ का यह भी कहना है कि रूस की फौजी कार्रवाई संस्था के मूलभूत सिद्धांतों के उलट है। संस्था का उद्देश्य ही है वैश्विक वित्तीय प्रणाली को सुरक्षित रखते हुए अखंडता को बढ़ावा देना। कल यह बयान पेरिस में संपन्न एफएटीएफ के सम्मेलन के बाद जारी किया गया था। कल ही रूस—यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए एक साल पूरा हुआ था। संस्था के बयान में कहा गया है कि इस युद्ध के संदर्भ में एफएटीएफ यूक्रेन के नागरिकों के प्रति ‘गहन सहानुभूति’ व्यक्त करता है।

एफएटीएफ युद्ध के संदर्भ में रूस की स्पष्ट विरोधी रही है और यूक्रेन का समर्थन किया है। ताजा बयान में यहां तक कहा गया है कि रूस की ओर से गत एक वर्ष के दौरान बर्बर तथा अमानवीय हमले बोले गए हैं। रूस ने अहम सार्वजनिक अवसंरचनाओं को निशाना बनाया।

यूरोपीय देशों को एफएटीएफ के इस कदम से कोई ज्यादा हैरानी नहीं हुई है जो अपनी तरफ से रूस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगाने के पक्षधर रहे हैं। राष्ट्रपति बाइडेन के कीव और वारसा के औचक दौरों से लौटने के बाद अमेरिका ने भी रूस के विरुद्ध कुछ और सख्त प्रतिबंध घोषित किए हैं जिसकी चर्चा बाइडेन ने वारसा के अपने भाषण में की थी।

एफएटीएफ युद्ध के संदर्भ में रूस की स्पष्ट विरोधी रही है और यूक्रेन का समर्थन किया है। ताजा बयान में यहां तक कहा गया है कि रूस की ओर से गत एक वर्ष के दौरान बर्बर तथा अमानवीय हमले बोले गए हैं। रूस ने अहम सार्वजनिक अवसंरचनाओं को निशाना बनाया।

उल्लेखनीय है कि एफएटीएफ दो सौ से ज्यादा सदस्य देशों और न्यायालयों के मानकों का निर्धारण करने के साथ ही मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी तथा आतंकवाद सहित अन्य गंभीर अपराधों के विरुद्ध कार्रवाई में सहयोग देती है। एफएटीएफ के इस ताजा कदम का स्वाभाविक तौर पर यूक्रेन ने स्वागत किया है।

रूस की सदस्यता क्यों निलंबित की गई? संभवत: इसे स्पष्ट करते हुए एफएटीएफ ने कहा है कि रूस की ये कार्रवाइयां सुरक्षा और वैश्विक वित्त तंत्र की अखंडता को पुष्ट करने के संस्था के उद्देश्य के उलट है। इसी सम्मेलन में एक संस्था ने धन शोधन तथा आतंकवाद को वित्तीय मदद रोकने के संदर्भ में खास जांच के अंतर्गत दक्षिण अफ्रीका तथा मोरक्को को ग्रे सूची में डाल दिया है।

Topics: एफएटीएफरूसmembershipBidenperisrussiaputinukrainfatfgreylistzelenskysuspendयूक्रेन
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