जैसे अमेरिका ‘गुड टैरेरिज्म-बैड टैरेरिज्म’ के रूप में आतंकवाद का वर्गीकरण करता आया है, वहीं हमारे देश में ‘स्वीट आतंकवादी’ का कॉन्सेप्ट दे दिया गया। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान अपने आप को स्वीट आतंकवादी कह कर अपना गुणगान भी कर चुके हैं। इस पार्टी के ही पूर्व नेता कुमार विश्वास ने जब उन पर खालिस्तानी ताकतों के प्रति नर्मदिल होने का आरोप लगाया तो इसके जवाब में केजरीवाल ने खुद को स्वीट आतंकवादी बताया था, जो दिल्ली में सड़कें और पुल बनवाता है।
ये भी पढ़ें – पंजाब : खालिस्तानियों का थाने में कब्जा एक गंभीर चुनौती
पंजाब : थाने में गुरु ग्रन्थ साहिब ले जाने पर घिरा अमृतपाल, प्रदर्शन के दौरान ढाल की तरह किया प्रयोग
खालिस्तानी आतंकियों पर अंकुश न लगाने का विषफल है अमृतपाल सिंह जैसा खालिस्तानी अलगाववादी नेता, जो न केवल पंजाब बल्कि देश के लिए सिरदर्द बनता नजर आ रहा है। अमृतपाल खुल कर खालिस्तान की बात करता है, युवाओं को भड़काता है, मारपीट करता है और जब पुलिस कार्यवाही होती है तो अपने हजारों हथियारबन्द समर्थकों को साथ लेकर थानों पर हमला करता है। अरविंद केजरीवाल की पार्टी की पंजाब सरकार शुतरमुर्ग की तरह रेत में सिर दबा कर खतरे का मुकाबला करती है। आश्चर्य है कि केजरीवाल एक तरफ कहते हैं कि एक बार उन्हें दिल्ली पुलिस सौंप दी जाए तो दिल्ली को अपराधमुक्त कर देंगे, लेकिन जब उन्हें किसी समय खालिस्तानी आतंकवाद को चित्त कर देने वाली एक बेहतरीन पंजाब पुलिस मिली तो पंजाब के हालात बद से बदतर होते दिख रहे हैं।
केजरीवाल वह नेता हैं जिन्होंने 2017 के विधानसभा चुनावों में पूर्व खालिस्तानी आतंकियों के साथ खुल कर गलबहियां डालीं। लोगों को याद होगा कि केजरीवाल मोगा में खालिस्तान कमांडो फोर्स के पूर्व कमांडर गुरिन्द्र सिंह के घर में रात भर विश्राम कर चुके हैं। गुरिन्द्र सिंह पर पंजाब में आतंकवाद के दौरान हत्या, डकैती के केस चले और उसने बाघापुराना के मंदिर में गऊ माता की पूंछ काट कर फेंकी थी। आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद पंजाब में इन ताकतों को राजनीतिक शरण मिलती है तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए। अगर राज्य में कानून व्यवस्था सुधारनी है तो आम आदमी पार्टी को अपना चरित्र सुधारना होगा। अन्यथा राज्य में भस्मासुर पैदा होते रहेंगे।
टिप्पणियाँ