वीरवार को पंजाब के अजानाला कस्बे के थाने पर हुए खालिस्तानी संगठन वारिस पंजाब दे के हथियारबन्द समर्थकों के मामले में अब खुद इस संगठन का जत्थेदार फंसता नजर आ रहा है। असल में अमृतपाल व उसके समर्थक प्रदर्शन के दौरान पालकी में श्री गुरु ग्रन्थ साहिब को साथ ले गये और संभव है कि उन्होंने ढाल के रूप में श्री गुरु ग्रन्थ साहिब का प्रयोग किया।
पंजाब के पूर्व मुख्यमन्त्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह ने इस पर आश्चर्य बताया है तो राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने थाने में गुरु ग्रन्थ साहिब ले जाने की निन्दा करते हुए कहा है कि थानों में कई तरह की आपत्तिजनक सामग्री होती है जो गुरु मर्यादा के अनुरूप नहीं। अपने को घिरता देख अमृतपाल ने सफाई देते हुए कहा कि वो गुरु ग्रन्थ साहिब के पीछे नहीं बल्कि आगे था।
ये भी पढ़ें- पंजाब: ‘स्वीट आतंकवादी’ वृक्ष का फल है अजनाला घटना
पंजाब : खालिस्तानियों का थाने में कब्जा एक गंभीर चुनौती
दूसरी ओर समझा जा रहा है कि गुरु ग्रन्थ साहिब के चलते ही पुलिस प्रदर्शनकारियों के समक्ष आत्मरक्षा की मुद्रा में नजर आई। पुलिस को भय था कि उसकी कार्रवाई से अगर गुरु ग्रन्थ साहिब को कुछ होता तो यह मुद्दा अत्यन्त संवेदनशील हो जाता और कट्टरपन्थियों को पुलिस को खलनायक बताने में देर न लगती।
फिलहाल पूरे मामले पर अभी तक शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक समिति व श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार का कोई प्रतिक्रम नहीं आया है।
Leave a Comment