केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जीके रेड्डी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में केन्द्र सरकार ने इस दिशा में हरसंभव प्रयास किया है। विदेशों से भारतीय पुरावशेषों को वापस लाने के प्रयास निरंतर हो रहे हैं। पूर्व वर्षों में स्वतंत्रता के बाद से केवल 13 चोरी की गई पुरावशेषों को वापस लाया गया था, जबकि वर्ष 2014 के बाद से 229 पुरावशेषों को वापस लाया गया है जो देश में सांस्कृतिक गौरव को वापस लाने के सरकार के संकल्प को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
केन्द्रीय मंत्री रेड्डी बुधवार देर शाम खजुराहो में आयोजित जी-20 बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्कृति की जी-20 कार्यकारी समूह की बैठक के लिए सांस्कृतिक संपत्तियों की सुरक्षा और बहाली चर्चा के प्रमुख क्षेत्रों में से एक होगी।
दरअसल, संस्कृति की पहली जी-20 वर्किंग ग्रुप (सीडब्ल्यूजी) की बैठक बुधवार को मप्र के छतरपुर जिले में स्थित विश्व धरोहर स्थल खजुराहो के महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर में केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन मंत्री जीके रेड्डी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में शुरू हुई। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार, संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी भी उपस्थित थी। यह बैठक 25 फरवरी तक चलेगी।
भारत की अध्यक्षता में जी-20 बैठक के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए केन्द्रीय संस्कृति मंत्री रेड्डी ने कहा कि जी-20 की थीम, वसुधैव कुटुंबकम- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य भारत की सच्ची भावना पर प्रकाश डालता है।
इस मौके पर प्रदर्शनी, ‘रे (विज्ञापन) पोशाक: खजाने की वापसी’ का उद्घाटन भी किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य भारत और दुनिया भर में सांस्कृतिक विरासत की सफल वापसी के चुनिंदा उदाहरणों से सांस्कृतिक संपत्ति के प्रत्यावर्तन की भावना, आवश्यकता और भविष्य को प्रदर्शित करना है। प्रदर्शनी सांस्कृतिक वस्तुओं, उनके इतिहास और उनकी सफल वापसी के आसपास की कहानियों को दर्शाने का माध्यम बनी है।
इससे पहले खजुराहो हवाईअड्डे पर पहुँचने पर प्रतिनिधियों का बधाई और मध्यप्रदेश की लोक कला प्रस्तुति के साथ स्वागत किया गया। संस्कृति की पहली जी-20 वर्किंग ग्रुप (सीडब्ल्यूजी) बैठक में चार वर्किंग ग्रुप सत्र रहेंगे, जिसमें जी-20 सदस्य राज्य, अंतरराष्ट्रीय संगठन संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों के साथ भाग लेंगे। बैठक की अवधि के दौरान 25 फरवरी तक कई सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, जिसमें खजुराहो नृत्य महोत्सव की आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी शामिल हैं। बैठक के प्रतिनिधि पश्चिमी समूह के मंदिरों का दौरा करेंगे, जो विश्व धरोहर स्थल है। प्रतिनिधि पन्ना टाइगर रिजर्व भी देखेंगे।
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