खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए आज से सप्ताह रोमांचकारी रहने वाला है। इसकी शुरुआत बुधवार से हो चुकी है। आज की शाम सूर्य के विदा लेते ही पश्चिम में हंसियाकार चंद्रमा के साथ चमकते शुक्र और बृहस्पति ने खगोले प्रेमियों का मन मोह लिया।
दरअसल, आकाशमंडल के दो ग्रह गुरू और शुक्र एक-दूसरे के नजदीक आ रहे हैं। बुधवार को इनकी नजदीकी आने की शुरुआत हुई और चंद्रमा इनके मिलन का गवाह बना। यह दोनों ग्रह आगामी एक सप्ताह में प्रतिदिन करीब आते जाएंगे और अंत में एक दूसरे में समाए से नजर आएंगे।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू के अनुसार पृथ्वी का पड़ौसी ग्रह शुक्र जो कि आज पृथ्वी से लगभग 21 करोड़ किलोमीटर दूर रहते हुये माईनस 3.9 मैग्नीट्यूड से चमक रहा था और उसके ऊपर बृहस्पति ग्रह स्थित था, जो कि लगभग 85 करोड़ किलोमीटर दूर रहते हुये माईनस 2.11 मैग्नीट्यूड से चमक रहा था। इन दोनों चमचमाते ग्रहों के बीच हंसियाकार चंद्रमा था जो कि इन दोनों ग्रहों के होने जा रहे मिलन की सूचना दे रहा था।
सारिका ने बताया कि आने वाले 7 दिनों तक जब इन ग्रहों को देखेंगे, तो ये हर शाम पास आते दिखेंगे और अंत में दोनों एक-दूसरे में समाये से दिखने लगेंगे। इस घटना को खगोल विज्ञान में कन्जक्शन कहा जाता है। हालाकि, चंद्रमा तो इनकी पहचान बताकर आगे बढ़ता जाएगा। आसमान में यह नजारा रात आठ बजे तक देखा जा सकेगा।
क्या कहता है ज्योतिष
ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह को वैवाहिक जीवन, सफलता, आध्यात्मिकता, वैभव, धन, संतान और विवाह, समृद्धि और सौभाग्य का कारक माना गया है। दूसरी ओर, शुक्र वैवाहिक सुख, सुंदरता, रोमांस और रचनात्मकता का प्रतीक है। ऐसे में जब इन दोनों ग्रहों का मिलन होगा तो सभी 12 राशियों का जीवन प्रभावित होगा।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक ग्रह की राशि और स्थिति समय-समय पर बदलती रहती है। ग्रह राशि परिवर्तन के साथ ही ग्रह उदय और अस्त होकर एक दूसरे से युति भी करते हैं। ग्रह युति तब होता है जब दो ग्रह एक ही राशि में होते हैं। 15 फरवरी से 12 मार्च तक शुक्र गुरु की मीन राशि में रहेगा। इसके कारण मीन राशि में शुक्र-बृहस्पति की युति बन रही है।
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