उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बुधवार को विधानसभा में 6 लाख़ 90 हजार 242 करोड़ 43 लाख रुपये का बजट पेश किया। प्रदेश के इतिहास में अब तक का यह सबसे बड़ा बजट है। इससे पहले 2022 में योगी सरकार का 6.15 लाख करोड़ का बजट पेश हुआ था।
बजट में जहां प्रदेश के सभी क्षेत्रों का ध्यान रखा गया है, वहीं सभी विभागों के साथ समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखा गया है। बजट में छात्रों, अधिवक्ताओं, किसानों, महिलाओं और व्यापारियों के लिए बड़े ऐलान किये गये हैं। बजट में पूर्वांचल के साथ—साथ धार्मिक पर्यटन को महत्व दिया गया है।
बजट में वृद्धावस्था/ किसान पेंशन योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023 2024 के बजट में 7248 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों हेतु संचालित “मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
“मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना” के लिए 12 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
झांसी लिंक एक्सप्रेस-वे तथा चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे की नई परियोजनाओं के प्रारम्भिक चरण हेतु 235 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेन्स कॉरीडोर परियोजना के लिए 550 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ गोरखपुर में औद्योगिक गलियारा विकसित किये जाने हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
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इसी तरह पुलिस विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने के लिए 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।
नवसृजित पुलिस कमिश्नरेट के कार्यालय एवं अनावासीय भवनों के लिए 850 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन हेतु 12,631 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना हेतु 1,655 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
वित्त मंत्री ने बताया कि ग्रामीण महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए महिला सामर्थ्य योजना के अन्तर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गठन किया जाता है। योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 83 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
प्रदेश में निराश्रित विधवाओं के भरण-पोषण अनुदान योजनान्तर्गत वर्तमान में 32 लाख 62 हजार निराश्रित महिलाओं को पेंशन दी जा रही है। सरकार द्वारा वर्ष 2023 2024 के बजट में 4032 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना के पात्र छात्र-छात्राओं को टैबलेट / स्मार्टफोन देने हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 3600 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है।
बजट भाषण करते हुए सुरेश खन्ना ने कहा कि वर्तमान सरकार के अब तक कार्यकाल में लगभग 21,696 किलोमीटर लम्बाई में ग्रामीण मार्गों का निर्माण तथा अब तक लगभग 18,407 किलोमीटर लम्बाई में मार्गों का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण किया गया।
प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं जन सामान्य को यातायात की सुविधा देने के उद्देश्य से अन्तरराष्ट्रीय / अन्तर्राज्यीय मार्गों का विकास, जिसके क्रम में 1024 किमी० लम्बाई की 87 सड़कों में से 75 सड़कों का निर्माण पूर्ण किया गया।
वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजनान्तर्गत 181 राजस्व ग्रामों में सड़क निर्माण किया गया। सड़कों और सेतुओं के निर्माण हेतु 21159 करोड़ 62 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
सड़कों और सेतुओं के अनुरक्षण के लिए 6209 करोड़ प्रस्तावित
सड़कों और सेतुओं के अनुरक्षण हेतु 6209 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। कृषि विपणन सुविधाओं हेतु पुलों एवं सड़कों के कार्य के लिए 3473 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों हेतु 1525 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
रेलवे उपरिगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 1700 करोड़ रुपये एवं अन्य सेतुओं हेतु 1850 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं। राज्य राजमार्गों के चौड़ीकरण तथा नये कार्यो हेतु 2588 करोड़ 80 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। धर्मार्थ मार्गों के विकास हेतु 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
राज्य सड़क निधि से सड़कों के अनुरक्षण हेतु 3000 करोड़ रुपये तथा निर्माण हेतु 2500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। चीनी मिल परिक्षेत्र में कृषि विपणन सुविधाओं हेतु मार्गों को चौड़ीकरण एवं सदृढ़ीकरण व पुनर्निर्माण कार्यों हेतु 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
सरकार के पिछले कार्यकाल में 20 परियोजनाएं पूर्ण
सुरेश खन्ना ने कहा कि हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल में 20 परियोजनायें पूर्ण की गयीं। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से 21.42 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित हुई, जिससे 44 लाख 72 हजार कृषक लाभान्वित हो रहे हैं।
मध्य गंगा परियोजना, कचनौदा बांध के अवशेष कार्यों की परियोजना, शहजाद बांध स्प्रिंकलर परियोजना, लखेरी बांध परियोजना आदि परियोजनाओं के पूर्ण होने से 1.62 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित होगी, जिससे प्रदेश में 4.26 लाख कृषक लाभान्वित होंगे।
राजकीय नलकूपों एवं लघु डाल नहरों से सम्बन्धित 08 परियोजनाओं को पूर्ण करते हुए लगभग 1,17,435 हेक्टेयर की सिंचन क्षमता की पुनर्स्थापना कर लगभग 83,055 कृषक परिवारों को लाभान्वित किया गया।
प्रदेश के विभिन्न 62 जनपदों में 2100 नवीन राजकीय नलकूपों की निर्माण परियोजना (नाबार्ड पोषित) आगामी 02 वर्षों में परियोजना के समस्त कार्यों को पूर्ण करते हुए 1.05 हेक्टेयर सिंचन क्षमता के सृजन का लक्ष्य है, जिससे लगभग 01 लाख 03 हजार कृषक परिवार लाभान्वित होंगे।
प्रदेश के विभिन्न 30 जनपदों के डार्क जोन में स्थित 569 असफल राजकीय नलकूपों की पुनर्निर्माण परियोजना आगामी 02 वर्षों में परियोजना के समस्त कार्यों को पूर्ण करते हुए 56. 90 हजार हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुनर्स्थापना का लक्ष्य है, जिससे लगभग 39,800 कृषक परिवार लाभान्वित होंगे ।
वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकास हेतु 2,803 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्य सिंचाई परियोजना के लिए 5332 करोड़ 50 लाख रुपये, मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 2220 करोड़ 20 लाख रुपये तथा लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 3400 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
नहरों एवं सरकारी नलकूपों से किसानों को मुख्य पानी की सुविधा हेतु 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
नवीन राजकीय नलकूपों के निर्माण की परियोजना (नाबार्ड पोषित) हेतु 502 करोड़ रुपये एवं 569 असफल राजकीय नलकूपों के पुनर्निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। एलटीआईएफ योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में मध्य गंगा परियोजना के लिए 375 करोड़ रुपये, सरयू नहर परियोजना के लिए 192 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
जल निकास (नाबार्ड पोषित) की परियोजनाओं हेतु वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में 330 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। नदी में सुधार एवं कटाव निरोधक परियोजनाओं के लिए 1619 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
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