केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों की प्रगति के लिए राज्य और केन्द्र सरकार को मिलकर काम करना होगा।
दरअसल, नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को जैद (ग्रीष्मकालीन) अभियान-2023 के लिए कृषि पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया, जहां उन्होंने कहा कि खाद्यान्न के मामले में भारत बहुत अच्छी स्थिति में है। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन के रेकॉर्ड तोड़ अग्रिम अनुमान (323 मिलियन टन) उत्साहित करने वाले हैं। हमें कृषि उत्पादों की दृष्टि से अपनी जरूरतें तो पूरी करना ही है, साथ ही जरूरत पड़ने पर दुनिया की आवश्यकताओं की भी पूर्ति करना है। ऐसे में हमें उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही गुणवत्ता भी और बढ़ाना होगा, ताकि वैश्विक मानकों पर हम खरे उतर सकें।
तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र के विकास के लिए प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में अनेक ठोस कदम उठाए गए हैं, जिनमें राज्य भी सहयोग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के संकल्प के अनुसार, दो चरणों में 22 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाए गए हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य यहीं है कि हमारी धरती की उर्वरा शक्ति संरक्षित रहें। कार्ड बांटने के साथ ही स्वाइल टैस्टिंग लैब की संख्या हर स्तर पर बढ़ाई गई हैं। इस संबंध में सकारात्मक परिणाम की जिम्मेदारी राज्य सरकार (State government) की है। सभी किसानों की भी इसमें सहभागिता होना चाहिए।
तोमर ने कहा कि केमिकल फर्टिलाइजर के उपलब्ध अन्य विकल्प- नैनौ यूरिया, बायोफर्टिलाइजर को अपनाने पर सभी को विचार करना चाहिए। खाद सब्सिडी पर सालाना लगभग ढाई लाख करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं, यह राशि बचाने के साथ ही स्वस्थ उत्पादन किया जा सकता है, लोगों को भी स्वस्थ रखा जा सकता है।
छोटे किसानों तक पहुंचे योजनाओं का लाभ
तोमर ने कहा कि सरकारी पैसों का सदुपयोग होकर योजनाओं का लाभ छोटे किसानों तक पहुंचना चाहिए। सरकार डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन पर भी काम कर रही है, जिसमें राज्यों का सहयोग आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि सम्मेलन को कृषि सचिव मनोज अहूजा, सचिव-डेयर व महानिदेशक-आईसीएआर डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव-उर्वरक अरुण बरोका ने भी संबोधित किया व अतिरिक्त सचिव व संयुक्त सचिवों ने प्रेजेन्टेशन दिए।
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