म्यांमार से नाबालिग लड़कियों को भारत लाकर जम्मू-कश्मीर में बेचने का एक मामला सामने आया है। खबरों के अनुसार म्यांमार से नाबालिग लड़कियों को सहारनपुर में बेचने की डील हुई थी, लेकिन बाद में यह डील रद्द कर दी गई। इसके बाद श्रीनगर में डील हुई। हर लड़की के लिए एक-एक लाख रुपये देने पर सहमति बनी। तस्कर दिल्ली से जम्मू आकर फिर श्रीनगर जाने की तैयारी में थे] लेकिन इसी दौरान खुफिया सूचना के आधार पर जम्मू बस स्टैंड से पुलिस ने दो महिलाओं समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
लड़कियों को पहले भी बेच चुके तस्कर
मानव तस्करी के आरोपी पहले भी कश्मीर घाटी में दो लड़कियों को बेच चुके हैं। लेकिन पकड़े गए आरोपियों ने अभी तक की पूछताछ में बताया कि इससे पहले भी एक बार श्रीनगर जा चुके हैं और दो लड़कियां को बेच चुके हैं। लड़कियां खरीदने वाले दलाल श्रीनगर में बैठे हैं। यहां से डील फाइनल होती है और लड़कियां बताए गए पते पर पहुंचाई जाती हैं। इसके बाद राशि बांटी जाती है। लड़कियां लाने के बाद कुछ दिन तक श्रीनगर में आरोपी रुकते हैं और फिर दिल्ली के लिए रवाना होते हैं। अब पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल की सीडीआर खंगालना शुरू कर दिया है, जिसके बाद पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। हैरानी की बात यह है कि हिरासत में ली गई दोनों लड़कियों के आधार कार्ड भारत में ही बने हैं।
पूछताछ में सच आया सामने
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे सभी म्यांमार के रहने वाले हैं। दिल्ली पहुंचने के बाद फोन के जरिये तय हुआ कि लड़कियों को श्रीनगर में बेचा जाएगा। साथ ही लड़कियों को झांसा दिया गया था कि उन्हें श्रीनगर पहुंचकर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उनकी गरीबी दूर हो जाएगी। तस्करों ने लड़कियों को यह भनक तक नहीं लगने दी थी कि उन्हें पैसे लेकर किसी को सौंपा जाएगा। मामले का खुलासा होते ही पुलिस ने आईपीसी की धारा 370 और 420 के तहत मामला दर्ज किया है।
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