पाकिस्तान के एक बड़े अंग्रेजी दैनिक ने कंगाल हो चुके पड़ोसी इस्लामी देश कैबिनेट मंत्री के बयान को उद्धृत करते हुए छापा है कि उनका मुल्क दिवालिया हो चुका है। अब तक सिर्फ अंदरखाने की चर्चाओं तक सीमित रहा यह तथ्य अब खुद मंत्री के मुंह से सार्वजनिक होना एक ढहते देश की कलई खोलकर रख देता है।
पड़ोसी मुल्क के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने खुद एक कार्यक्रम में कहा है कि उनका मुल्क तो पहले ही दिवालिया हो चुका है। आसिफ ने मुल्क को इस हालत में पहुंचाने का ठीकरा वहां की फौज, नेता और नौकरशाहों के सिर पर फोड़ा है।
अभी तक मीडिया या संसद में ऐसी आवाजें सुनकर पाकिस्तान के हुक्मरान बिफर उठते थे कि पाकिस्तान का खजाना खाली है, वह पाई पाई को मोहताज है, मुल्क किसी भी वक्त ताश के ढेर की तरह ढहने की कगार पर आ चुका है। लेकिन अब उसके मंत्री ही जब मान रहे हैं कि देश दिवालिया हो चुका है। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की यह बौखलाहट उनके गृह नगर सियालकोट में एक कार्यक्रम में बोलते हुए झलक पड़ी। आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान अब तभी संभल सकता है जब वह अपने पैरों पर खड़ा होगा।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने खुद एक कार्यक्रम में कहा है कि उनका मुल्क तो पहले ही दिवालिया हो चुका है। आसिफ ने मुल्क को इस हालत में पहुंचाने का ठीकरा वहां की फौज, नेता और नौकरशाहों के सिर पर फोड़ा है।
रक्षा मंत्री को उद्धृत करते हुए पाकिस्तानी समाचार पत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने छापा कि ‘पाकिस्तान दिवालिया हो रहा है नहीं, यह तो पहले ही कंगाल हो चुका है। हम एक दिवालिया हो चुके देश में रह रहे हैं’।
आसिफ ने यह भी कहा कि उनके यहां तो दिक्कतें हैं उनसे निकलने का रास्ता भी मुल्क में ही है। वह कहते हैं कि पाकिस्तान की दिक्कतें आईएमएफ दूर नहीं कर सकता। आज पाकिस्तान के जो कंगाली के हालात हैं उसके लिए वहां की सेना, नौकरशाही तथा नेताओं की जमात में हर एक जिम्मेदार है। कारण? पाकिस्तान में कानून और संविधान की कोई पूछ ही नहीं है।
पहले की इमरान खान सरकार पर ठीकरा फोड़ते हुए रक्षा मंत्री ने साफ कहा कि ढाई साल पहले आतंकवादियों को पाकिस्तान में लाया गया था। इससे फिर ऐसी आतंकी लहर चली जिसके नतीजे आज देखने में आ रहे हैं। तीन दिन पहले आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले कराची शहर में पुलिस के दफ्तर पर आतंकी हमला हुआ ही था। वहां लगातार पुलिस और सैन्यकर्मियों को टीटीपी गुट द्वारा निशाना बनाया जा रहा है।
इस बीच कंगाल पाकिस्तान के लिए एक और बुरी खबर यह सामने आई है कि वहां चल रहीं दक्षिण कोरिया की कंपनियों ने अपना उत्पादन बंद करने की घोषणा की है। इससे पहले से बदहाल देश को तगड़ा आर्थिक आघात लगने के पूरे आसार बन गए हैं। दक्षिण कोरियाई कंपनियों को कच्चा माल नहीं मिल पा रहा है। इससे उत्पादन प्रभावित हो रहा है। उस देश में विदेशी मुद्रा लगभग खत्म हो चली है।
कराची में कार्यरत चैंबर ऑफ कोरियन इन्वेस्टर के अध्यक्ष जिन हान चुंग कहते हैं कि पाकिस्तानी बैंकों की तरफ से लेटर ऑफ क्रेडिट जारी नहीं हुए हैं इस कारण उन्हें तगड़ा नुकसान उठाने को मजबूर होना पड़ा है। बावजूद पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के गवर्नर के यह आदेश देने के कि पाकिस्तान के बैंक बंदरगाहों पर आ चुके सामान को ले जाने के तुरंत पैसा दें।
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