प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वर्तमान सरकार पिछली सरकार की गलतियों को न दोहराते हुए जनहितैषी विकास को बढ़ावा दे रही है, जिसके चलते आज आमजन के लिए तैयार की जा रही योजनाओं का लाभ शत-प्रतिशत जरूरतमंदों तक पहुंच रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को इकोनॉमिक्स टाइम्स ग्लोबल बिजनेस समिट में अतीत की परिस्थितियों को दोबारा परिभाषित करते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वर्तमान सरकार गरीबों को पहुंचाए जा रहे लाभ का शत-प्रतिशत हिस्सा उन तक पहुंचा रही है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी एक समय में कहते थे कि केवल 15 प्रतिशत ही लाभ असल लाभार्थियों तक पहुंच पाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू के एक कथन का उदाहरण देते हुए कहा कि आज उनके कहे अनुसार शत-प्रतिशत लोगों के घरों में शौचालय पहुंच गया है, जिन्हें उन्होंने विकास का असली मानदंड बताया था। उन्होंने कहा कि उस समय पता होते हुए भी सही दिशा में प्रयास की तत्परता नहीं दिखाई गई। इसके चलते विकास से एक बड़ा तबका वंचित दिखाई दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र सरकार की आकांक्षी जिलों के विकास की पहल और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च को बढ़ाने का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से ही देश में समावेशी विकास हुआ है।
प्रधानमंत्री में इस बात का भी उल्लेख किया कि वर्तमान सरकार कितनी बारीकी से देश के विकास को गति देने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि गति शक्ति के माध्यम से मेट्रो निर्माण आधा किलो मीटर से 6 किलोमीटर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र में रक्षा क्षेत्र के लिए बहुत से मार्गों को सुरक्षित रखा गया था। सेना से बातचीत कर 128 मार्गों को खोलने से अब तक एक लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कटौती हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले ढांचागत विकास संबंधी फैसले देशहित से बजाय राजनीति से प्रेरित होते थे। इनका मकसद वोट हासिल करना होता था, लेकिन अब समग्र दृष्टि के साथ प्रयास किया जा रहा है ताकि एक क्षेत्र में मिला उपलब्धि का लाभ दूसरे क्षेत्र तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि नब्बे के दशक में मजबूरी में व्यवस्था में बदलाव किया गया, लेकिन माई-बाप वाली आदत में बदलाव नहीं हुआ। उनकी सरकार में सबका साथ सबका विकास की नीति में काम किया गया।
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