पाकी में पथराव के बाद की स्थिति
झारखंड में कट्टरपंथियों का दुस्साहस इतना बढ़ चुका है कि कोई भी हिंदू अपना त्योहार शांति से नहीं मना सकता है। फिर वह चाहे रामनवमी का त्योहार हो या फिर शिवरात्रि का। उपद्रवी हमेशा इस ताक में लगे रहते हैं कि हिंदुओं के त्यौहार को खराब कर दिया जाए और लोगों में दहशत का माहौल स्थापित किया जा सके।
इस वर्ष 18 फरवरी को शिवरात्रि का त्योहार आने वाला है। पूरे झारखंड में कई जगहों पर तैयारियां की जा रही हैं। इसी क्रम में पलामू जिले के पाकी में महाशिवरात्रि का तोरण द्वार लगाने को लेकर कुछ कट्टरपंथी मुसलमानों ने हिंदुओं पर पत्थर से हमला कर दिया। इस पत्थरबाजी के बाद पूरे इलाके में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई। इस में पुलिस के साथ-साथ दर्जनों लोग घायल हो गए। इसके बाद हालात को काबू करने के लिए प्रशासन की ओर से धारा 144 लगा दिया गया और 24 घंटे के लिए इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
क्या है पूरा मामला?
पलामू जिले के पाकी के राहेवीर शिवमंदिर में हर वर्ष महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इसे लेकर मस्जिदगंज चौक इलाके में 14 फरवरी की शाम को महाशिवरात्रि का तोरण द्वार लगाने की तैयारी की जा रही थी। इसी बीच कुछ मुसलमानों ने तोरण द्वार बनाने वालों को रोक दिया। उनका कहना था कि यहां मस्जिद है और इसीलिए यहां पर तोरण द्वार नहीं बनाने दिया जाएगा। अगले दिन यानि 15 फरवरी को इस घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को दी गई । पुलिस दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास कर ही रही थी कि इसी बीच एक कट्टरपंथी ने तोरण द्वार बनाने पहुंचे निरंजन सिंह नाम के व्यक्ति पर जोरदार डंडा मारा। इससे उसका सर फट गया और खून बहने लगा। इस घटना के बाद दोनों पक्षों के लोग भड़क गए और उपद्रव शुरू हो गया। इसी बीच जैसे ही उपद्रव बढ़ा तो मस्जिद के ऊपर से भी पत्थर और कोल्ड ड्रिंक की बोतलें फेंकी जाने लगीं। लोगों का कहना है कि यह पूर्व नियोजित घटना है।
इस घटना के बाद इलाके में तनाव को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है । इसके साथ ही पूरे इलाके में धारा 144 लगाते हुए इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है। उपायुक्त ए दोड्डे ने लोगों को सोशल मीडिया पर भ्रामक बातें फैलाने से मना किया है और माहौल को शांत रखने की अपील की है।
इस घटना पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि झारखंड सरकार तुष्टीकरण के मद में हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड में जितनी भी घटनाएं घट रही हैं वह सब सरकार के संरक्षण में घट रही हैं। उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि इस घटना में भी कहीं वही लोग तो नहीं हैं, जो पांडु में हिंदुओं के साथ अत्याचार कर रहे हैं।
आपको यह भी बता दें कि प्रदेश के देवघर में भी जिस मार्ग से शिव बारात निकाली जाती थी उस मार्ग को वहां के जिला प्रशासन ने बदल दिया है। इसके खिलाफ गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने झारखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल करते हुए पुराने मार्ग पर ही बारात निकालने की मांग की है। याचिका में उन्होंने कहा है कि देवघर में कई सालों से शिव बारात निकाली की परंपरा रही है। वर्ष 1994 में इसके लिए आयोजन समिति बनाई गई थी और वही बारात के लिए मार्ग निर्धारित करती थी। लेकिन जिला प्रशासन ने बिना समिति की सहमति लिए मनमाने ढंग से बारात निकालने का मार्ग तय कर दिया है। जिला प्रशासन की ओर से निर्धारित मार्ग काफी सकरा है। इसमें बारात निकालने में काफी परेशानी हो सकती है। उन्होंने याचिका में आरोप लगाया कि जानबूझकर जिला प्रशासन ने ऐसा निर्णय लिया और श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास किया है।
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि देवघर में जिस तरह से मार्ग को परिवर्तित किया है उस का बुरा असर पाकी में देखने को मिला है ।उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जहर की खेती करने वालों का पोषक बताते हुए सवाल पूछा कि क्या हिंदुओं को त्योहार मनाने और अपनी परंपराओं को निभाने के लिए भी अदालत में जाना पड़ेगा?
आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब हिंदुओं के त्योहारों पर पत्थरबाजी की गई हो। इससे पहले रामनवमी के त्योहार के दौरान भी पूरे प्रदेश में कई जिलों से पत्थरबाजी की घटनाएं देखने को मिली थीं। सबसे दुखद बात यह थी कि प्रशासन ने हिंदुओं के विरुद्ध ही कार्रवाई की थी। उक्त घटनाओं को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि जिस तरह से तुष्टीकरण की राजनीति पूरे प्रदेश में देखी जा रही है आने वाले दिनों में झारखंड के अंदर हिंदुओं को अपने त्योहार मनाने से पहले सरकार और प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ेगी।
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