भारत के पड़ोसी इस्लामी मुल्क पाकिस्तान में चीन के सितारे गर्दिश में दिखाई दे रहे हैं। कभी पूरे देश में परोक्ष एकछत्र राज चलाते रहे कम्युनिस्ट ड्रैगन के तालिबान ने वहां जीना मुहाल कर दिया है। उससे चीनी दूतावास को उड़ाने की लगातार मिलती धमकियों के बीच चीन ने इस्लामाबाद में कार्यरत अपना कोंसुलर दफ्तर कल बंद कर दिया है। समाचारों में इसकी वजह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और बलोच लिबरेशन फ्रंट से चीनी अधिष्ठानों को मिलती आ रही धमकियां बताई जा रही हैं।
अभी कुछ दिन पहले ही चीन ने पाकिस्तान में बसे अपने नागरिकों को एडवायजरी के माध्यम से सावधान किया था कि वहां उनको खतरा है, उस देश में रहना अब जोखिम का काम है। इसलिए चीन के लोग अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें। इस एडवायजरी के जारी होने के बाद से ही आभास हो गया था कि चीन अब वहां पहले की तरह सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है। और पाकिस्तान सरकार की आतंकवादियों से निपटने में अक्षमता का भी उसे अंदाजा है। इसलिए उसने शुरुआत कोंसुलर दफ्तर को बंद करके की है।
ज्यादा दिन नहीं बीते जब पाकिस्तान के अंग्रेजी समाचार पत्र ‘दि एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। इसमें कहा गया था कि इस्लामाबाद में कार्यरत अपने दूतावास की सुरक्षा को लेकर चीन चिंतित है इसलिए हो सकता है वह कोई कड़ा कदम उठाए। और कल ही चीनी दूतावास ने अपनी वेबसाइट पर बयान जारी करके कह दिया कि उसका कोंसुलर विभाग बंद किया जा रहा है। वेबसाइट पर दूतावास की तरफ से इस कदम के पीछे कोई कारण नहीं बताया गया है।
बीते कुछ महीनों में पाकिस्तान में पाकिस्तानी तालिबान और अन्य उग्रपंथी गुटों के हमलों में एकाएक बढ़ोतरी देखने में आई है। चीनी नागरिक तो खास निशाने पर रहे हैं। वहां की पुलिस और सेना से ज्यादा आधुनिक हथियारों से लैस आतंकवादी मनचाही जगह हमले बोलते आ रहे हैं।
जैसा पहले बताया, गत सप्ताह चीन ने पाकिस्तान में बसे अपने नागरिकों को चेतावनी देती जो एडवायजरी जारी की थी उसमें स्पष्ट लिखा था कि पाकिस्तान में रहे रहे चीनी नागरिक अपनी सुरक्षा का ख्याल रखें, हर तरह से सावधान रहें। जरूरी न हो तो घर से बाहर न निकलें। हालांकि चीन द्वारा जारी की इस एडवायजरी को लेकर पाकिस्तान ने थोड़ा गुस्सा दिखाया था लेकिन चीन की नजर में उसके कोई मायने कभी नहीं रहे हैं।
चीन ने उक्त एडवायजरी के माध्यम से एक तरह से उस इस्लामी मुल्क को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असुरक्षित ही बताया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का वक्तव्य था कि ‘हम सभी विदेशी नागरिकों की पूरी सुरक्षा कर रहे हैं। सुरक्षा बल सतर्क हैं। लेकिन दुनिया जानती है कि कंगाल पाकिस्तानी हुकूमत आतंकवादियों से कितना खौफ खाती है। आएदिन उसके सुरक्षा कर्मी मारे जा रहे हैं और प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ जिहादियों के सामने बेबस नजर आते हैं।
बीते कुछ महीनों में पाकिस्तान में पाकिस्तानी तालिबान और अन्य उग्रपंथी गुटों के हमलों में एकाएक बढ़ोतरी देखने में आई है। चीनी नागरिक तो खास निशाने पर रहे हैं। वहां की पुलिस और सेना से ज्यादा आधुनिक हथियारों से लैस आतंकवादी मनचाही जगह हमले बोलते आ रहे हैं।
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