रामपुर। समाजवादी नेता आजम खां और उनके परिवार की वजह से रामपुर के लोग जिस दर्द का अहसास पहले भी करते रहें हैं, वैसा ही बोझ अब फिर उन्हें झेलना पड़ेगा। मुरादाबाद में वर्षों पहले बवाल करने के मामले में बाप-बेटे आजम और अब्दुल्ला को कोर्ट ने सजा सुनाई है। एक अन्य आपराधिक मामले में सजा होने के बाद आजम खां की विधायक पहले ही जा चुकी थी। अब सजा होने के बाद स्वार से विधायक उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता जाना भी तय है। जल्द ही सीट रिक्त होने के साथ रामपुर की स्वार विधानसभा में उपचुनाव होने के आसार हैं।
हमेशा नीति और कानून के खिलाफ जाकर काम करते रहे सपा महासचिव आजम खां और उनके परिवार की वजह से रामपुर में इतनी बार उपचुनाव हुए हैं कि शायद ही कहीं और ऐसा हुआ होगा। रामपुर में अभी तक हुए ज्यादातर उपचुनावों का जिम्मेदार किसी न किसी तरह से आजम खां और उनके परिवार के लोग ही माने जाते हैं। 2017 में आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से सपा की टिकट पर विधायक बने थे। उम्र के तथ्य छिपाने की वजह से उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई। कानूनी लड़ाई में स्वार के लोग लंबे वक्त बिन विधायक रहे। 2019 में आजम खां रामपुर शहर सीट से विधायक रहते लोकसभा चुनाव लड़ा और सांसद निवार्चित हुए थे। सांसद बन गए तो उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में विधानसभा चुनाव कराना पड़ा। आजम ने उपचुनाव में पत्नी तंजीन फातिमा को सपा की टिकट पर लड़ाया तो वह जीतकर एमएलए बन गईं। यूपी की राजनीति में ज्यादा इंट्रेस्ट रखने वाले आजम को दिल्ली रास नहीं आई और 2022 में सांसदी छोड़ फिर रामपुर से विधानसभा मैदान में कूद पड़े थे और फिर विधायक बन गए। आजम के इस्तीफा देने से रामपुर में लोकसभा उपचुनाव हुआ। आजम तो अपने करीबी आसिम रजा को सांसद बनवाना चाहते थे मगर बार-बार के उपचुनाव से परेशान रामपुर की जनता ने भाजपा उम्मीदवार घनश्याम लोधी के सिर जीत का सेहरा बांधकर आजम का खेल बिगाड़ दिया।
आजम एंड फैमिली की वजह से होने वाले उपचुनाव की कहानी यही नहीं थमी। पिछले समय में हेट स्पीच मामले में आजम खां को दो साल की सजा हो गई तो रामपुर में फिर विधानसभा उपचुनाव हुआ। बार-बार उपचुनावों से आजिज जा चुकी जनता ने एक बार फिर आजम बिग्रेड को आइना दिखाया और सपा उम्मीदवार आसिम रजा की जगह भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना पर भरोसा जताकर उन्हें विधायक बनाने का काम किया। आजम परिवार में बेटे अब्दुल्ला की विधायकी बाकी थी, तो अब उनकी भी सदस्यता जानी तय हो गई है।
मुरादाबाद में 15 साल पहले बवाल करने के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने आजम खां और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम को दो-दो साल की सजा सुनाई है। डीएम मुरादाबाद ने इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। अब रामपुर डीएम चुनाव आयोग को स्वार विधायक अब्दुल्ला को दो साल की सजा होने के सम्बंध में अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेज रहे हैं। माना जा रहा है कि कुछ जरूरी प्रक्रिया पूरी होते ही रामपुर की स्वार सीट को रिक्त घोषित कर दिया जाएगा और मार्च से पहले यहां उप चुनाव कराया जाएगा। रामपुर में एक और उप चुनाव कराने का श्रेय फिर आजम के परिवार के खाते में जाएगा।
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