अब बच्चियां दुआएं दे रही होंगी
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

अब बच्चियां दुआएं दे रही होंगी

बाल विवाह खत्म करने का असम सरकार का संकल्प और राज्य पुलिस की कार्रवाई प्रशंसनीय है। इससे उन बच्चियों को राहत मिली होगी, जो हमेशा इस डर में जीती थीं कि कम उम्र में उनकी शादी कर दी जाएगी

by प्रियंक कानूनगो
Feb 14, 2023, 12:01 pm IST
in भारत, असम
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

जो लोग असम में 10-11 वर्ष की लड़कियों को किशोरी मानते हुए शादी कराने वाले बाल-यौन अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई पर चिंता जता रहे हैं या थानों का घेराव कर रहे हैं, वे वास्तव में क्या कर रहे हैं? वास्तव में वे इन बच्चियों के स्वास्थ्य, शिक्षा, जीवन और उभविष्य को दरकिनार कर उन लड़कों और पुरुषों की तरफदारी कर रहे हैं, जिन्हें इन बच्चियों का पति बताकर पेश किया जा रहा है।

असम के मुख्यमंत्री का बाल विवाह खत्म करने का संकल्प और असम पुलिस द्वारा उठाए गए कदम निश्चित रूप से प्रशंसनीय हैं। आप कल्पना करें उन लाखों बच्चियों की मन:स्थिति की, जिनके मन में यह भय हमेशा बना रहता था कि उनके माता-पिता उनकी कम उम्र में शादी कर देंगे। अब वे बच्चियां असम पुलिस को कितनी दुआएं दे रही होगीं। इस मुहिम के खिलाफ पुलिस थानों का घेराव नाबालिग बच्चियों से विवाह करके उन्हें शिक्षा और स्वतंत्रता से वंचित कर अपने शोषणकारी संबंधों को बनाए रखने को उचित ठहराने जैसी कोशिश है। इस स्थिति को कुछ कानूनी उलझनों ने और जटिल बनाया है। कानून के जानकारों की राय है कि बाल विवाह निषेध (संशोधन) अधिनियम, 2006 न केवल अप्रभावी है, बल्कि कई मामलों में बाल विवाह निषेध को जटिल बनाता है।

जैसे- सर्वप्रथम, यह बाल विवाह को तो प्रतिबंधित करता है, पर विवाह की स्थिति को मान्य रखता है।

दूसरा, इसमें विवाहों के विलोपन का प्रावधान है और कुछ परिस्थितियों में शून्य घोषित करता है।

तीसरा, यह वर-वधू को क्रमश: 21 वर्ष और 18 वर्ष की आयु तक के बच्चे के रूप में परिभाषित करता है। चौथा, वर अगर वयस्क (18 वर्ष से अधिक आयु) लेकिन एक बच्चा (21 वर्ष तक परिभाषित) है, तो उस पर एक नाबलिग लड़की से शादी करने के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 यौन संबंधों और सहमति की आयु पर कुछ नहीं कहता।

असम के मुख्यमंत्री का बाल विवाह खत्म करने का संकल्प और असम पुलिस द्वारा उठाए गए कदम निश्चित रूप से प्रशंसनीय हैं। अब वे बच्चियां असम पुलिस को कितनी दुआएं दे रही होगीं। इस मुहिम के खिलाफ पुलिस थानों का घेराव नाबालिग बच्चियों से विवाह करके उन्हें शिक्षा और स्वतंत्रता से वंचित कर अपने शोषणकारी संबंधों को बनाए रखने को उचित ठहराने जैसी कोशिश है।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020-21 में 23.3 प्रतिशत बाल विवाह हुए। बच्चों के विरुद्ध अपराधों को बेशर्मी से सामाजिक-धार्मिक मुद्दे के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, फिर तर्क दिया जाता है कि मामला बच्चों से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस पर नरमी बरती जाए। पीड़िता के रूप में बालिका की हर चीख-पुकार को न्यायसंगत ठहराने के लिए हमेशा दादी-नानी की कहानियां सुना दी जाती हैं कि उनका विवाह तो 11-12 वर्ष में हो गया था और वे खुशहाल जीवन जी रही थीं।

इसी तरह, कुछ कानूनी प्रावधानों में यदि दुलहन की आयु 15 वर्ष से अधिक है तो पति द्वारा उसके साथ यौन संबंधों की अनुमति मानी गई थी, जो अन्यथा बलात्कार की श्रेणी में आता है। 11 अक्तूबर, 2017 को सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक निर्णय में नाबलिग पत्नी के साथ सेक्स को बलात्कार घोषित किया है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) और राज्य आयोगों को पॉक्सो, 2012 और जे जे अधिनियम, 2015 के तहत कार्यान्वयन की कमी को समाप्त करने के लिए निगरानी भूमिका सौंपी गई है।

लेकिन इस बीच विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा दिए विरोधाभासी निर्णयों के कारण पुलिस द्वारा मामले दर्ज करने पर असर पड़ा है। जावेद बनाम हरियाणा राज्य और अन्य के मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्णय में कहा गया है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार 15 वर्ष की मुस्लिम लड़की कानूनी और वैध विवाह कर सकती है। एनसीपीसीआर बनाम गुलाम दीन के मामले में, एनसीपीसीआर ने इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है। सर्वोच्च न्यायालय की बेंच ने 13 जनवरी, 2023 को आदेश दिया है कि पूर्ण निर्णय होने तक उच्च न्यायालय के विवादित निर्णय को किसी अन्य मामले में पर उदाहरण के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

हाल ही में, एनसीपीसीआर को असम में कुछ ऐसे एग्रीमेंट मिले हैं, जिनमें नोटरी द्वारा बच्चों के शरीर के अनुसार उन्हें बालिग प्रमाणित कर के विवाह कराने की बात सामने आई है। आयोग के आग्रह पर असम सरकार इस पर कार्यवाही कर रही है। आयोग का मानना है कि देश की अन्य राज्य सरकारों को भी असम का अनुसरण करना चाहिए। ‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ’ का नारा साकार करने की यह अनिवार्य शर्त है।
(लेखक राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष हैं)

Topics: Supreme Court‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ’राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोगबाल विवाह निषेध (संशोधन)National Commission for Protection of Child RightsMarriage of Minor Girlsअसम मुख्यमंत्रीबाल विवाह खत्म करने का संकल्पबाल विवाह निषेधनाबालिग बच्चियों से विवाहAssam Chief Ministerresolution to end child marriageसर्वोच्च न्यायालयprohibition of child marriage
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नए वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मोहम्मद सुल्तान, CJI ने कहा– ‘अब नहीं सुनी जाएगी याचिका’

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: शरिया अदालत और फतवे कानूनी रूप से अमान्य

Supreme court Rahul Gandhi Veer Savarkar

राहुल गांधी को SC की फटकार, कहा- याद रहे वीर सावरकर जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने आजादी दिलाई

Himanta Biswa sarma Ramdas Athawale Supporting Nishikant Dubey

वक्फ मामले में निशिकांत दुबे के समर्थन में CM सरमा, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने SC को दी ये नसीहत

UK Transgender vivad

ट्रांसजेंडर अधिकार विवाद: UK के एनएचएस ने सुप्रीम कोर्ट के महिला स्थान नियम को मानने से किया इंकार

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

‘राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकतीं अदालतें’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies