गंगा जल लेने कांवड़िए गंगा नगरी में पहुंचने लगे हैं। शिवरात्रि 18 फरवरी को है और इस पावन दिन शिवालयों में गंगा जल अर्पित करने की आस्था और परंपरा है। हरिद्वार के साथ-साथ बिजनौर और गढ़ मुक्तेश्वर में भी शिव भक्तों का हुजूम देखा जा रहा है।
हरिद्वार में साल में दो बार कांवड़ यात्रा चलती है। एक शिवरात्रि से पहले और दूसरी सावन माह में निकलती है। सावन में लाखों की संख्या में कांवड़िएं आते हैं, जबकि शिवरात्रि से पहले कांवड़िए कम तादात में आते हैं। आम तौर पर जिन शिवालयों में शिवरात्रि पर पुराने वक्त से मेले लगाने की परंपरा है, वहीं से लोग गंगा जल लेने हरिद्वार, गढ़ और बिजनौर गंगा घाट पहुंचते हैं।
इसी सप्ताह शिवरात्रि का पर्व है और हजारों की संख्या में कांवड़िए जल लेने गंगा नगरी पहुंच रहे हैं, कुछ कांवड़िए पैदल यात्रा कर रहे हैं तो कुछ डाक कांवड़ लेकर वाहनों में सवार होकर जा रहे हैं। शिवरात्रि के दिन गंगा घाटों पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आती है।
हरिद्वार जिला पुलिस ने शिव भक्तों की भीड़ को आता देख आउटर हरिद्वार में वाहनों की पार्किंग करते हुए कई रूट भी डायवर्ट कर दिए हैं। भारी वाहनों को कुंभ क्षेत्र से दूर कर दिया गया है, जबकि हल्के वाहनों के लिए भी पार्किंग और नए रास्तों का इंतजाम किया गया है। रेलवे स्टेशन और बस अड्डों में 24 घंटे के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात किए जा चुके हैं।
गढ़ गंगा में भी बड़ी संख्या में शिव भक्त पहुंच रहे हैं और गंगा जल लेकर अपने-अपने गंतव्य स्थानों की तरफ “हर हर महादेव” बम बम भोले के जय घोष के साथ रवाना हो रहे है, गंगा घाटों में उत्सव मेले जैसा माहौल है।
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