बदायूं। मेरठ से प्रयागराज तक 12 जिलों को जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे की राह में मजारें अवरोध बन रही हैं। बदायूं में एक्सप्रेस-वे की बीच में एक और मजार आ गई है। प्रशासन मजार के लिए दूसरी जमीन देकर वहां शिफ्ट कराने को तैयार है मगर मुस्लिम पक्ष अफसरों की बात मानना नहीं चाह रहा। एक दिन पहले भीड़ ने मजार को लेकर घंटों हंगामा किया।
गंगा एक्सप्रेस-वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में शामिल हैं। मेरठ से शुरू होकर यह एक्सप्रेस-वे हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज तक जाने वाला है। रास्ते में जिस इलाके से भी गंगा एक्सप्रेस-वे गुजरेगा, वहां विकास एवं रोजगार की असीमित संभावनाएं पैदा होंगी। जिलों के औद्योगिक और धार्मिक पड़ावों को आपस में कनेक्ट करने के साथ एक्सप्रेसवे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से भी जुड़ेगा। जिससे दिल्ली से प्रयागराज तक की दूरी कम होगी।
गंगा एक्सप्रेस के निर्माण से जुड़ी एजेंसियों के सामने रास्ते में आ रही मजारें बाधा बन रही हैं। अफसरों का कहना है कि एक्सप्रेस-वे के बीच जो भी इबादत और धर्मस्थल हैं, उनको दूसरी जगह शिफ्ट कराया जा रहा है। कई हटवाए भी जा चुके हैं मगर बदायूं के बिनावर इलाके में एक मजार की वजह से समस्या खड़ी हो गई है। एक दिन पहले बिनावर इलाके में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग मैदान में उतर आए और मजार हटाने की तैयारी के विरोध में हंगामा खड़ा कर दिया। पांच घंटे भीड़ प्रदर्शन करती रही। सूचना पर पहुंचे अफसरों ने लोगों को समझाया कि एक्सप्रेस-वे के बीच में आ रहे सभी धर्मस्थल हटाकर दूसरी जगहों पर शिफ्ट कराए जा रहे हैं तो मजार की शिफ्टिंग कैसे छोड़ी जा सकती है। इसके बाद भीड़ हंगामा करती रही। हालांकि बदायूं प्रशासन ने साफ कर दिया है कि एक्सप्रेस वे के रास्ते में आ रहे अवरोध हर कीमत पर हटाए जाएंगे।
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