फर्जी आईएफएस (इंडियन फोरेन सर्विस) अधिकारी बनकर पुलिस-प्रशासन पर रौब झाड़ने के मामले में जोया खान को 2019 में गिरफ्तार किया गया था। अब गुरुग्राम की एसटीएफ जांच पड़ताल में उसके कारनामों के सबूत जुटा रही है। जोया खान पहले फर्जी आईएफएस होने के आरोप में जेल गई थी। जमानत पर रिहा होने के बाद अब फर्जी आईपीएस होने के जुर्म में हरियाणा पुलिस के शिकंजे में है।
जानकारी के मुताबिक जोया खान, पूर्व में जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद वो नोएडा छोड़कर हरियाणा के गुरुग्राम में फर्जी आईपीएस (इंडियन पुलिस सर्विस) अधिकारी बनकर रौब झाड़कर धमका रही थीं, जहां से उन्हें हरियाणा एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया और जांच पड़ताल के लिए मेरठ और नोएडा लाया गया।
मेरठ में एसटीएफ ने सदर बाजार थाने में अपनी आमद दर्ज कराने के बाद जोया खान के वेस्ट एंड रोड पर तिवारी कैंपस में उनके मकान की तलाशी ली। एसटीएफ को मकान से आईपीएस पुलिस की वर्दी और आईएफएस अधिकारी के बैज वर्दी आदि बरामद हुए। टीम ने यहां उसके फर्जी आई कार्ड, कई दस्तावेज जब्त करने के साथ ही लाल एवं नीली लाइट लगी एक लग्जरी कार भी बरामद की। उसके बाद जोया को लेकर एसटीएफ गुरुग्राम के लिए रवाना हो गई।
मेरठ पुलिस सूत्रों के मुताबिक जोया खान 2019 में मेरठ, नोएडा में आईएफएस अधिकारी बनकर पुलिस विभाग से अपने लिए स्कॉड और अंगरक्षक लेकर भी घूमती थी। 2019 में प्रधानमंत्री की रैली में फर्जी अधिकारी बनकर घूम रही थी, पुलिस अधिकारी उसे पीएमओ में सुरक्षा सचिव समझते रहे। 28 मार्च 2019 को मेरठ में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की रैली में भी वह एस्कार्ट लेकर फर्जी अधिकारी बनकर घूम रही थी। यहां पर तो वह पकड़ी नहीं जा सकी, लेकिन बाद में खुफिया विभाग की जांच पड़ताल के बाद उसे पकड़ा गया था। कई महीनों तक जेल में रहने के बाद वो जब रिहा हुई तो अपना ठिकाना बदलकर गुरुग्राम की हाई सोसाइटी में जाकर रहने लगी और अपनी हरकतें करने से बाज नहीं आई। उसने अपने ऐसे कारनामे बंद नहीं किए। हरियाणा पुलिस के मुताबिक जोया खान अपने पीएस हर्ष वर्धन सिंह के साथ मिलकर प्रॉपर्टी के अवैध कब्जों के धंधे में लिप्त रही है। हरियाणा एसटीएफ इस मामले में अपनी जांच आगे बढ़ा रही है।
जानकारी के मुताबिक 2019 तक वो कई जिलों में पुलिस अधिकारियों पर रौब जमाया और वीआईपी सुविधाएं ली। जोया आईएफएस और आईपीएस जैसे फर्जी अधिकारी बनकर कई जिलों के पुलिस अधिकारियों पर रौब जमाती रही। वह ऐसे अंदाज में पुलिस अफसरों-कर्मचारियों से पेश आती थी कि वे उसे सेल्यूट करते थे। जोया के इसी अंदाज के कारण मेरठ के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, सहारनपुर सहित अन्य जिलों में भी उसे अक्सर वीआईपी सुविधाएं मिलीं। जोया अक्सर लग्जरी गाड़ी से सफर करती थी। 2019 में तो उसके साथ सरकारी गनर और एस्कॉर्ट भी साथ चलते थे।
मेरठ पुलिस के मुताबिक जोया खान ने स्नातक के बाद वर्ष 2007 में पीसीएस की परीक्षा दी थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। फिर वो अधिकारी अंदाज में अपने आप को रखती थी। मेरठ पुलिस के मुताबिक जोया अक्सर आवाज बदलकर और मोबाइल स्क्रीन पर सीयूजी नंबर दर्शाकर अधिकारियों से बात करती थी। नोएडा के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण पर भी जोया भड़क गई थी, लेकिन जिस तरह वह पेश आई, उससे शक बढ़ गया। इसके बाद से ही पुलिस ने जांच शुरू कर दी और इस कड़ी में नोएडा पुलिस भी जोया खान के फ्लैट पर पहुंची थी। उसी दौरान उसकी पोल पट्टी खुली और उसे गिरफ्तार किया गया था।
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