गत जनवरी को लखनऊ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) की जन्मशताब्दी के अवसर पर पांचवीं व्याख्यानमाला आयोजित हुई। इसके मुख्य अतिथि थे उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. योगेंद्र उपाध्याय।
उन्होंने कहा कि रज्जू भैया का जीवन स्वयं जीवन-कौशल का उदाहरण था। उनके बताए मार्ग को यदि जीवन में उतार लिया जाए तो फिर जीवन-कौशल को अलग से सीखने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। उन्होंने रज्जू भैया के नाम से लखनऊ विश्वविद्यालय में ‘रूरल साइंस रिसर्च सेंटर’ खोलने की घोषणा की। यह सेंटर भौतिक शास्त्र विभाग के अंतर्गत काम करेगा।
परिवार से संपन्न होने के बावजूद रज्जू भैया ने अपने लिए कोई संपत्ति नहीं बनाई और अपना मकान इत्यादि भी समाज कार्य के लिए समर्पित कर दिया। -डॉ. नरेंद्र सिंह गौर
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने रज्जू भैया को याद करते हुए जीवन-कौशल की महत्ता और आवश्यकता पर प्रकाश डाला तथा इसको व्यापक बनाए जाने पर जोर दिया। मुख्य वक्ता डॉ. नरेंद्र सिंह गौर ने रज्जू भैया के अनूठे जीवन वृत्तांत सुनाए।
उन्होंने कहा कि परिवार से संपन्न होने के बावजूद रज्जू भैया ने अपने लिए कोई संपत्ति नहीं बनाई और अपना मकान इत्यादि भी समाज कार्य के लिए समर्पित कर दिया। विशिष्ट वक्ता और वरिष्ठ प्रचारक वीरेश्वर द्विवेदी ने कहा कि रज्जू भैया मितव्ययिता के साथ सादा जीवन व्यतीत करते थे और सदा देश के लिए सोचते थे।
कार्यक्रम में लेखक और विचारक डॉ. रतन शारदा की पुस्तक ‘दी लाइफ एंड टाइम्स आफ रज्जू भैया’ का विमोचन भी हुआ।
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