नेपाल में जिस नाटकीय तरीके से सत्तारूढ़ गठबंधन बना था, अब उसी नाटकीय तरीके से यह गठबंधन टूटने के कगार पर पहुंच गया है। सरकार को समर्थन कर रही राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी ने अपने मंत्रियों को वापस बुलाने का फैसला लिया है।
राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के संसदीय दल और केन्द्रीय सदस्यों की संयुक्त बैठक में सरकार में सहभागी अपने मंत्रियों को वापस बुलाने का फैसला लिया है। लगातार दो दिनों की बैठक में विचार-मंथन के बाद यह फैसला लिया गया है। पार्टी की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए रवि लामिछाने ने कहा कि बैठक में सरकार छोड़ने, लेकिन सरकार को समर्थन जारी रखने का फैसला किया गया है।
नागरिकता विवाद में फंसे पार्टी के अध्यक्ष रवि लामिछाने को सर्वोच्च अदालत से सांसद पद, संसदीय दल के नेता पद, उपप्रधानमंत्री पद और पार्टी अध्यक्ष के पद से बर्खास्त कर दिया था। हालांकि, इस फैसले के 24 घंटे बाद ही रवि लामिछाने ने दूसरी नागरिकता का प्रमाण पत्र हासिल कर लिया था। नया नागरिकता प्रमाण पत्र लेने के बाद से ही रवि लामिछाने फिर से गृहमंत्री बनने के लिए आतुर दिखाई दे रहे थे। उन्होंने कई बार प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड और सत्ता घटक के प्रमुख पार्टी के नेता केपी शर्मा ओली से मिल कर दोबारा मंत्री पद के लिए दबाव भी बनाया।
वह बिना सांसद भी 6 महीने तक मंत्री बन पाने की संवैधानिक व्यवस्था के तहत खुद को मंत्री बनाने के लिए दबाव डाल रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री दहल ने अदालत के फैसले का पूर्ण पाठ नहीं आने तक मंत्री बनाने से साफ इनकार कर दिया था। रवि लामिछाने पर पासपोर्ट दुरुपयोग करने, सरकारी कागजात का गलत इस्तेमाल करने का भी मामला बनता है।
रवि लामिछाने मंत्री नहीं बनाने पर सरकार छोड़ने की धमकी लगातार दे रहे थे। आज संसदीय दल तथा केन्द्रीय कमेटी की संयुक्त बैठक में सरकार छोड़ने का फैसला लिया गया है। संसद में स्वतंत्र पार्टी के 19 सांसद हैं। हालांकि, सरकार से समर्थन वापस लिए जाने पर भी सरकार के पास बहुमत के लिए पर्याप्त संख्या मौजूद है। माओवादी अध्यक्ष प्रचंड की सरकार को विश्वास मत के दौरान संसद में उपस्थित 270 में से 268 सांसदों का समर्थन मिला था।
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