केन्द्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने सिक्किम के लोगों को आश्वासन दिया है कि हाल ही में आए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का वहां की नागरिकता की स्थिति से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रत्येक वास्तविक भारतीय की संवैधानिक स्थिति को महत्व देती है और किसी भी कीमत पर उसकी रक्षा की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने यह बात राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से मुलाकात के बाद ट्वीट कर कही। रविवार को मुलाकात की जानकारी देने के साथ उन्होंने कहा कि भारत के सॉलिसिटर जनरल के माध्यम से सिक्किम सरकार का समर्थन करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में एक समीक्षा याचिका दायर की जा रही है। भारत सरकार सिक्किम के लोगों के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा, “मैं सिक्किम के सभी लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 371एफ से संबंधित नहीं है या इसे कमजोर नहीं करता है। इसका किसी की नागरिकता से कोई लेना-देना नहीं है। हम प्रत्येक वास्तविक भारतीय की संवैधानिक स्थिति को महत्व देते हैं और किसी भी कीमत पर इसकी रक्षा की जाएगी।”
उल्लेखनीय है कि 13 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में संविधान के अनुच्छेद 14 का हवाला देते हुए सिक्किम के पुराने बसने वालों को सिक्किमी की परिभाषा के दायरे में शामिल कर आयकर में छूट दी थी। संविधान का अनुच्छेद 14 कानून के समक्ष समानता की गारंटी देता है।
इससे पहले सिक्किम के मुख्यमंत्री ने दो फरवरी को कहा था कि सिक्किम सरकार ने 13 जनवरी 2023 को सुनाए गए फैसले में कुछ टिप्पणियों के संबंध में सिक्किम के लोगों की शिकायतों और भावनाओं को उपयुक्त रूप से संबोधित करने के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष समीक्षा याचिका दायर की है। साथ ही उन्होंने इस संबंध में अपनी दिल्ली यात्रा की जानकारी भी दी थी।
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