उत्तराखंड पुलिस इन दिनों पैरोल पर रिहा हुए तीन सौ से ज्यादा अपराधियो की तलाश में जुटी हुई है, ये लोग मियाद पूरी होने के बाद भी जेल वापिस नही पहुंचे है। इनमे छोटा राजन गिरोह के सदस्य दीपक सिसोदिया का नाम भी शामिल है।
उत्तराखंड पुलिस की समीक्षा बैठक में विभाग की लापरवाही पर डीजीपी ने नाराजगी जाहिर की है। जानकारी के मुताबिक जेल से पैरोल पर रिहा होकर वापिस नही आने वाले कैदियों की संख्या तीन सौ होने पर डीजीपी अशोक कुमार बेहद चिंतित और नाराज दिखे।उन्होंने एक माह का अभियान चला कर सभी वांछित लोगो को जेल भेजे जाने के लिए कड़े निर्देश जारी किए है।
मुंबई में 2018 में मिड डे के पत्रकार ज्योतिमर्य डे की हत्या के आरोप में छोटा राजन और उसके आठ साथियों को उम्र कैद की सजा हुई थी जिनमे उत्तराखंड हल्द्वानी के रहने वाले दीपक सिसोदिया को भी मकोका के तहत जेल हुई थी। दीपक सिसोदिया पैरोल पर महाराष्ट्र की अमरावती जेल से हल्द्वानी पैरोल पर आया और वापिस नही पहुंचा, जबकि उसे आठ मार्च को वापिस पहुंचना था। ये मामला हल्द्वानी पुलिस को ट्रांसफर हो गया था। पैरोल के इस मामले को भी डीजीपी ने गंभीरता से लिया है।
उत्तराखंड में 38 गैंगस्टर्स की करीब 38करोड़ 13 लाख की संपत्ति को कुर्क करने के लिए पुलिस ने तैयारी कर ली है। पिछले माह में 60 गैंगस्टर्स की कुर्की की गई है,इन लोगो ने अपराध करके संपत्ति अर्जित की हुई है । डीजीपी अशोक कुमार ने 14 ड्रग माफिया को चिन्हित करने की जानकारी देते हुए बताया कि इनपर कानून की सख्त धाराएं लगाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि 264 वांछित आरोपियों पर ईनाम रख दिया गया है। डीजीपी ने बताया कि 791 फरार चल रहे आरोपियों को जेल भेजा गया है।
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