भोपाल में 23 जनवरी को सरस्वती विद्या मंदिर के 1,500 बच्चों ने घोष वादन की ऐतिहासिक प्रस्तुति दी। छात्रों ने वंशी, आनक (साइड ड्रम), शंख (बिगुल), पणव (बेस ड्रम), पाइप बैंड आदि वाद्य यंत्रों से एक लय और ताल के साथ विभिन्न प्रस्तुतियां दीं।
स्वर साधना घोष वंशी दल ने आरोह और अवरोह की प्रस्तुति दी। भारतीय सेना के लड़ाकू विमान तेजस को समर्पित व्यूह रचना तेजस का प्रदर्शन घोष दल द्वारा किया गया। स्वस्तिक चिन्ह की 14 आकृतियों का निर्माण वंशी, आनक दल ने तिलंग रचना बजाकर किया।
विद्यार्थियों ने ॐ की 14 विशाल आकृतियों का निर्माण किया। कार्यक्रम के बाद ओल्ड कैंपियन क्रिकेट मैदान से सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय तक घोष दल ने संचलन किया। यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को माल्यार्पण कर स्वागत प्रणाम का वादन किया गया। मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुघोष दर्शन की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह केवल सुघोष नहीं था, सुदर्शन भी था।
भारतीय सेना के लड़ाकू विमान तेजस को समर्पित व्यूह रचना तेजस का प्रदर्शन घोष दल द्वारा किया गया। स्वस्तिक चिन्ह की 14 आकृतियों का निर्माण वंशी, आनक दल ने तिलंग रचना बजाकर किया।
ॐ की रचना, स्वस्तिक की रचना, सुघोष दर्शन 2023 की रचना बच्चों ने अद्भुत तरीके से की। विशिष्ट अतिथि गोविंद चंद्र महंत ने कहा कि अलग-अलग रचनाओं के साथ विद्यार्थियों ने सुंदर प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मेजर जनरल (सेनि.) टी.पी.एस. रावत ने कहा कि हम स्वतंत्र भारत में सांस ले पा रहे हैं, यह नेताजी सुभाष चंद्र बोस, आजाद हिंद फौज और अन्य बलिदानियों की वजह से ही संभव हुआ है।
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