मध्य प्रदेश के सिवनी में मतांतरण कराने की कोशिश का मामला सामने आया है, जहां बच्चों की बेहतर शिक्षा देने, शादी कराने और सब दुख दर्द होने समेत कई प्रलोभन देकर उन्हें हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई बनने का प्रलोभन दिया गया। जिसकी शिकायत पीड़ित शुभभ डहेरिया एवं नीलेश नागरे ने बंडोल थाने में की है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने म.प्र. धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
बंडोल थाना प्रभारी दिलीप पंचेश्वर ने बताया कि रविवार को गोरखपुर कला गांव निवासी शुभम डहेरिया एवं नीलेश नागरे द्वारा एक लिखित शिकायत दी गई है, जिसमें उन्होंने बताया कि रविवार को उन्हें गोरखपुर कला के कुछ लोगों से पता चला कि सोमदास मरियाप्रसाद दास जो केरल के निवासी हैं और गोरखपुर कला में भी घर बनाया है। उन्होंने कहा कि उनके घर चलो वह सब दुख दर्द दूर कर देते हैं। गरीबी भी दूर कर देते हैं। जिस पर शुभभ अपने दोस्त नीलेश नागरे के साथ सोमदास मारियाप्रसाद दास के घर गया। वहां मोहल्ले-पड़ोस के लोग व महिलाएं भी थीं।
इस दौरान सोमदास मारियाप्रसाददास ने शुभभ व नीलेश को कहा कि तुम लोग अपना धर्म छोड दो, मंदिरों में पूजा करना छोड़ दो, अपने भगवान की मूर्तिया फेंक दो, महिलाओं को मंगल सूत्र, चूड़ी और मांग में सिंदूर नहीं भरना चाहिए। सोमदास मारियाप्रसाददास ने बाइबल नामक पुस्तक देकर कहा कि ईसाई बन आओ तो तुम्हारी बहुत समृद्धि होगी, गरीबी दूर हो जायगी। आपका भविष्य सुधर जायगा और आपके बच्चों को भी अच्छी शिक्षा दिलवाएंगे, बच्चियों की शादी, नौकरी हम लगवाएंगे और ईसाई बनने पर 3000 रूपये प्रतिमाह देंगे और राशन भी देने को कहा। सोमदास मारियाप्रसाददास लोगों को मतांतरण करने के लिए दुष्प्रेरित कर रहे थे।
जिनकी बातों को सुनकर वह सोमदास मरियाप्रसाद दास के घर के बाहर आ गए। शुभभ और नीलेश नागरे ने कहा कि केरल राज्य के सोमदास मरिया प्रसाद दास गांव के भोले भाले लोगों को गुमराह कर मतांतरण करा रहे हैं। जिस पर पुलिस ने सोमदास मरियाप्रसाद दास के विरूद्ध धारा 3, 5 म.प्र. धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है।
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