हल्द्वानी के बहुचर्चित रेलवे अतिक्रमण मामले में आज से राजस्व विभाग नगर निगम और वन विभाग सहित रेलवे ने संयुक्त रूप से सर्वे शुरू किया। है। अपर एडीएम अशोक जोशी के नेतृत्व में संयुक्त सर्वे का काम शुरू किया गया, हालांकि रेलवे अतिक्रमण को लेकर 7 फरवरी की तारीख सुप्रीम कोर्ट में लगी है।
ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि इस मामले में क्या अब उत्तराखंड सरकार भी पक्षकार बनने जा रही है। उल्लेखनीय है कि सीएम धामी इस मामले पर बयान दे चुके है कि ये मामला रेलवे प्रशासन और उसके अवैध कब्जेदारो का है।
एडीएम अशोक जोशी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सरकार बताए कि राजस्व की भूमि कितनी है इस पर सर्वे कार्य किया जा रहा है, जिसमें पहले वन विभाग की भूमि चिन्हित होनी है उसके बाद रेलवे की भूमि और फिर राजस्व या नजूल भूमि का चिन्हीकरण किया जाना है। जिसके लिए संयुक्त रूप से सर्वे किया जा रहा है।
वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है यह सीमांकन नहीं केवल सर्वे का कार्य है जिसमें उनके द्वारा लगातार यह मांग उठाई गई थी कि यह रेलवे की भूमि नहीं राजस्व की भूमि है जिसे रेलवे अपना बता रहा है इसी मांग को लेकर आज प्रशासन, वन विभाग, रेलवे, नगर निगम और राजस्व विभाग की टीम संयुक्त सर्वे कर रही हैं। गौरतलब है कि बीते 20 दिसंबर को नैनीताल हाईकोर्ट ने रेलवे अतिक्रमण की भूमि को 1 सप्ताह में खाली करने के निर्देश दिए थे जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट गया था और अब 7 फरवरी को इस मामले में सुनवाई होनी है लिहाजा इस बीच प्रशासन सर्वे का कार्य कर रहा है।
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