मेरठ में अवैध मांस पैकेजिंग फैक्ट्री और बिना अनुमति अस्पताल चला रहे बीएसपी के पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री हाजी याकूब और उसके बेटों की जमानत की अर्जी न्यायालय ने खारिज कर दी है। ये सभी आरोपी गैंगस्टर एक्ट और अन्य संगीन धाराओं में जेल में बंद हैं।
अपर जिला न्यायाधीश की विशेष अदालत में याकूब के अधिवक्ताओं ने जमानत के लिए अर्जी लगाई थी, जिसमें हाजी याकूब और उनके बेटों को जेल से रिहा करने का निवेदन किया गया था। अदालत ने उक्त अर्जी खारिज कर दी है।
सरकारी अधिवक्ता नीरज सोम ने बताया कि 31 मार्च 2022 को याकूब की फैक्ट्री पर पुलिस ने छापा मारकर अवैध तरीके से मीट पैकिंग होने का भंडाफोड़ किया था। इसमें याकूब, उनकी पत्नी संजीदा बेगम और दोनों बेटों सहित 17 लोग नामजद हुए थे। इसके बाद पिता-पुत्रों सहित सात लोगों पर गैंगस्टर का मुकदमा भी खरखौदा थाने में दर्ज किया गया था।
मेरठ पुलिस ने खरखोदा थाने में याकूब और उसके बेटों सहित कुल 17 लोगों को मीट पैकेजिंग फैक्ट्री में आरोपी बनाया था। करीब दस माह पुलिस की नजरों से हाजी याकूब फरार रहा और उसको पुलिस ने दो हफ्ते पहले दिल्ली के चांदी महल इलाके से गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
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