सेना की जीवन रेखा रेलवे
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

सेना की जीवन रेखा रेलवे

चीन से लगती सीमाओं पर भारतीय रेल का नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा है। भारत की रक्षा तैयारियों में पिछले 200 साल में भारतीय रेल देश की जीवन रेखा के रूप में उभरी है

by दीपक उपाध्याय
Jan 28, 2023, 07:07 am IST
in भारत, अरूणाचल प्रदेश, रक्षा, विश्लेषण
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में रहने वाली फ्लोरिना देउरी पहले जब गुवाहाटी जाती थीं तो सड़क मार्ग से उन्हें कम से कम 7-8 घंटे लगते थे, लेकिन अब ईटानगर रेल से सीधा जुड़ गया है। लिहाजा, फ्लोरिना को गुवाहाटी से ईटानगर पहुंचने में अब केवल 4-5 घंटे लगते हैं। पिछले कुछ सालों में उत्तर-पूर्व में रेल नेटवर्क तेजी से बढ़ा है। चीन से सटी सीमा पर तो इस दिशा में बहुत तेजी से काम हुआ है। इसलिए पहले की तुलना में अब अरुणाचल प्रदेश की सीमाओं तक सैन्य साजोसामान पहुंचाने में आधा समय ही लगता है। रेलवे अब भारत की हर उस सीमा के पास तक पहुंचने की कोशिश में है, जहां चीन अपनी नापाक नीयत रखता है। चाहे वह सिक्किम का सीमाई इलाका हो, अरुणाचल के बर्फीले पहाड़ हों या फिर उत्तराखंड की सीमाएं हों।  ऐसा नहीं है कि भारत में ही रेलगाड़ी सैनिकों और हथियारों की आपूर्ति से लेकर बड़ी-बड़ी मिसाइलें दागने के लिए काम में लाई जाते हो, बल्कि दुनिया के बहुत से देशों ने बड़े-बड़े युद्ध केवल रेलवे के भरोसे जीती भी हैं।

रक्षा विशेषज्ञ मेजर (सेवानिवृत्त) अमित बंसल ने बताया कि भारत की रक्षा तैयारियों में पिछले 200 सालों में भारतीय रेल देश की जीवन रेखा के रूप में उभरी है। रक्षा तैयारियों में इसका बहुत महत्व है। पहला महत्व, यह तेजी से सीमांत इलाकों में सेना, सैन्य उपकरण, रसद और अन्य वस्तुएं पहुंचाती है। जितना समय रेल से एक रेजिमेंट को सीमांत इलाकों में पहुंचने में लगता है, सड़क मार्ग से उसका तीन गुना समय लगता है। इससे पता चलता है कि रेल प्रणाली कितनी जरूरी है, इसके बिना हमारी रक्षा तैयारियां कितनी अधूरी हैं।
दूसरा महत्व, रेलवे लंबी दूरी की मिसाइलों के वाहक के तौर पर काम करती है। यानी जिन बड़ी-बड़ी मिसाइलों को ट्रकों या अन्य वाहनों से लाना और ले जाना मुश्किल होता है, उन्हें रेल द्वारा न सिर्फ आसानी से ढोया जा सकता है, बलिक रेल से दागा भी जा सकता है। आज का युग मिसाइलों का युग है और ऐसे में भारतीय रेल का महत्व और अधिक हो जाता है। इसलिए रेल मंत्रालय लगातार सीमाओं पर रेल मार्ग बिछाने के काम में लगा हुआ है।

भारत से लगी तिब्बत की सीमाओं पर उसने दो रेल मार्ग बना लिए हैं। इनके जरिए वह पीएलए के सैनिकों को तेजी से रसद और हथियारों की आपूर्ति कर सकता है। इसे देखते हुए भारतीय सेना ने भी देश के भीतर चार रेल मार्ग बनाने की योजना बनाई है। इसके तहत चीन से सटी लगभग सभी सीमाओं को रेलवे से जोड़ा जाना है। अरुणाचल प्रदेश के तवांग को सीधा रेल मार्ग से जोड़ने का काम चल रहा है।

1962 में चीन के साथ जब युद्ध हुआ था, तब भारतीय सैनिक उत्तर-पूर्व के राज्य अरुणाचल प्रदेश से लगी सीमाओं पर बिना रसद और हथियारों के लड़ते-लड़ते शहीद हुए थे। उस समय अगर इन इलाकों तक रेल मार्ग होता तो शायद भारतीय सैनिकों की स्थिति बहुत बेहतर होती। इसका प्रमाण 1971 के युद्ध में मिल गया, जब रेलवे के लॉजिस्टिक और हथियार आपूर्ति की वजह से भारतीय सैनिक बहुत तेजी से पश्चिम से पूर्वी सीमा पर पहुंचे और अपने पराक्रम के दम पर बांग्लादेश सीमा पर 90 हजार से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए विवश किया। इस निर्णायक युद्ध की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी रेलवे थी। युद्ध के दौरान सैनिकों समेत बाकी सेना के साजोसामान रेलवे से आ-जा रहे थे। इंडिया रेलवे इंजीनियरिंग टेरिटोरियल आर्मी यूनिट के जवानों ने उस समय पाकिस्तानी सेना द्वारा बम से किए जा रहे हमलों के बीच ट्रेनें चलाई थीं। इसको देखते हुए ऐसे ही एक जांबाज ट्रेन चालक दुर्गा शंकर को सेना के वीर चक्र से सम्मानित भी किया गया था।

किसी भी देश के रक्षा तंत्र में रेलवे की भूमिका को देखते हुए ही चीन लगातार सीमाओं पर अपना रेल नेटवर्क मजबूत कर रहा है। भारत से लगी तिब्बत की सीमाओं पर उसने दो रेल मार्ग बना लिए हैं। इनके जरिए वह पीएलए के सैनिकों को तेजी से रसद और हथियारों की आपूर्ति कर सकता है। इसे देखते हुए भारतीय सेना ने भी देश के भीतर चार रेल मार्ग बनाने की योजना बनाई है। इसके तहत चीन से सटी लगभग सभी सीमाओं को रेलवे से जोड़ा जाना है। अरुणाचल प्रदेश के तवांग को सीधा रेल मार्ग से जोड़ने का काम चल रहा है। तवांग पर चीन अपना दावा जताता रहा है। यह रेल मार्ग लगभग 378 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें मिसामारी-तेंगा और तवांग को जोड़ा जाएगा। इसी तरह, 497 किलोमीटर लंबे बिलासपुर-मनाली-लेह मार्ग को भी 2025 तक रेलवे से जोड़ने का लक्ष्य है।

Topics: Indian Railway EngineeringTerritorialArmy Unit's Jawans Defense Mechanism of DeshShइंडिया रेलवे इंजीनियरिंगटेरिटोरियलआर्मी यूनिट के जवान देश के रक्षा तंत्रभारतीय सैनिकबांग्लादेश सीमाअरुणाचल के बर्फीले पहाड़Snowy Mountains of Arunachal
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

अब दुश्मनों की खैर नहीं, जेटपैक सूट की मदद से सीमा पर हवा में उड़ान भरेंगे भारतीय सैनिक

प्रतीकात्मक चित्र

अरुणाचल के बाद उत्तराखंड सीमा पर भी भारतीय सैनिक सतर्क

चीनी सैनिकों से मुकाबले के लिए भारतीय सेना हमेशा रहती है तैयार

चीनी सैनिकों को भारतीय जांबाजों ने खदेड़ा, पूरी तैयारी के साथ आए थे 300, भारतीय सैनिकों ने दिया करारा जवाब

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

ओटीटी पर पाकिस्तानी सीरीज बैन

OTT पर पाकिस्तानी कंटेंट पर स्ट्राइक, गाने- वेब सीरीज सब बैन

सुहाना ने इस्लाम त्याग हिंदू रीति-रिवाज से की शादी

घर वापसी: मुस्लिम लड़की ने इस्लाम त्याग अपनाया सनातन धर्म, शिवम संग लिए सात फेरे

‘ऑपरेशन सिंदूर से रचा नया इतिहास’ : राजनाथ सिंह ने कहा- भारतीय सेनाओं ने दिया अद्भुत शौर्य और पराक्रम का परिचय

उत्तराखंड : केन्द्रीय मंत्री गडकरी से मिले सीएम धामी, सड़कों के लिए बजट देने का किया आग्रह

हरिद्वार में धामी सरकार एक्शन जारी, आज दो और अवैध मदरसे सील, अब तक 215 मदरसों पर लगे ताले

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies