विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को प्रातः 7:10 बजे गुरु पुष्य योग में श्रद्धालु तीर्थ यात्रियों के लिए खोले जाएंगे। टिहरी राज दरबार में पुरोहितों, मंदिर के रावल ने विचार विमर्श करके शुभ मुहूर्त की घोषणा की है।
टिहरी राज दरबार में ही श्री बद्री विशाल धाम के कपाट खोले जाने का दिन मुहूर्त तय किया जाता है। बसंत पंचमी यानी आज के दिन ये मुहूर्त निकालने राजा के समक्ष पुरोहित समाज एकत्र होता है। श्री बद्रीनाथ धाम के संरक्षण का सेवा कार्य बरसों से टिहरी के राजघराने के पास है। बेशक मंदिर के प्रबंध संचालन की व्यवस्था उत्तराखंड सरकार द्वारा नामित सदस्यों द्वारा श्री बद्री-केदार मंदिर समिति द्वारा की जाती है, लेकिन टिहरी नरेश को चलते फिरते बद्रिका अवतार का सम्मान स्थानीय लोगों द्वारा दिया जाता है।
मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि शुभ मुहुर्त के अनुसार श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को प्रात: 7 बजकर 10 मिनट पर खुलेंगे, जबकि गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा का दिन 12 अप्रैल निश्चित हुआ। राजदरबार नरेंद्र नगर में बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आयोजित धार्मिक समारोह में पंचांग गणना पश्चात विधि-विधान से कपाट खुलने की तिथि तय हुई। गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा हेतु 12 अप्रैल की तिथि निश्चित हुई। इस अवसर पर टिहरी राजपरिवार सहित श्री बदरी-केदार मंदिर समिति, डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद रहे।
टिप्पणियाँ