बागेश्वर महाराज धीरेंद्र शास्त्री को नागपुर पुलिस ने क्लीन चिट दे दी है। नागपुर पुलिस की तरफ से कहा गया है कि धीरेंद्र शास्त्री के नागपुर में हुए कार्यक्रम में अंधविश्वास को बढ़ावा देने के साक्ष्य नहीं मिले हैं। नागपुर में हुए कार्यक्रम के जो वीडियो मिले हैं, उसमें वह अंधविश्वास फैलाते हुए नहीं पाए गए हैं। नागपुर के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने यह जानकारी दी है। उन्होंने यह साफ किया है कि यह जांच नागपुर में हुए कार्यक्रम को लेकर की गई है।
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति से जुड़े श्याम मानव की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद वीडियो की जांच की गई। धीरेंद्र शास्त्री भी कई बार कह चुके हैं कि वह अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं। वह केवल सनातन का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं और भारत का संविधान इसकी अनुमति देता है। बागेश्वर बाबा के नाम से प्रसिद्ध धीरेंद्र शास्त्री ने पिछले दिनों नागपुर में रामकथा का आयोजन किया था।
श्याम मानव के विरुद्ध जबलपुर की अदालत में मानहानि का मुकदमा
बागेश्वर धाम के भक्त जबलपुर निवासी भीष्म देव शर्मा ने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति महाराष्ट्र के श्याम मानव के खिलाफ जबलपुर की जिला अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर कराया है। अदालत से सजा सुनाने और जुर्माना लगाने की मांग की है। भीष्म देव शर्मा कृषि विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उनकी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री में गहरी आस्था है। उन्होंने बुधवार को अधिवक्ता डॉ. रश्मि पाठक के जरिए मामला दायर कराया है। उनका कहना है कि श्याम मानव ने निराधार आरोप लगाकर धीरेंद्र शास्त्री की मानहानि की है। अधिवक्ता डॉ. रश्मि पाठक ने बताया कि जबलपुर की जिला अदालत में श्याम मानव के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 499 एवं 500 के तहत प्रकरण दायर कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि श्याम मानव ने एक आपराधिक साजिश के तहत बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की बेदाग छवि और ख्याति को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने के लिए षड्यंत्र रचा। इसके तहत नागपुर में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा के दौरान 11 जनवरी को एक पत्रकार वार्ता आयोजित कर सनातन धर्म के प्रचारक का अपमान किया गया। उन्होंने धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पर आम जनता के साथ छल कर पैसा कमाने के आरोप पत्रकार वार्ता के माध्यम से लगाए थे।
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