ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणपूर्वी राज्य विक्टोरिया के मेलबर्न में एक पखवाड़े में हिंदुओं के इस्कॉन मंदिर में तोडफ़ोड़ का तीसरा मामला सामने आया है। मीडिया में सोमवार को आई खबर के अनुसार, विक्टोरिया स्थित मंदिर में कथित तौर पर खालिस्तान समर्थकों ने तोडफ़ोड़ की है और वहां दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे। रिपोर्ट के मुताबिक, मेलबर्न के अल्बर्ट पार्क में स्थित हरे कृष्ण मंदिर के रूप में प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर की दीवारों को तोड़ दिया गया और वहां भारत विरोधी नारे लिखे गए। इस्कॉन मंदिर के संचार निदेशक भक्त दास ने कहा कि हम पूजा स्थल के सम्मान की इस घोर उपेक्षा से हैरान और नाराज हैं। वहीं इस हमले के बाद, विक्टोरिया पुलिस में एक शिकायत दर्ज की गई है और अपराधियों को पकडऩे में मदद के लिए उन्हें सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराई जा रही है।
पिछले एक पखवाड़े में देश में इस तरह का यह तीसरा मामला है। 16 जनवरी को कैरम डाउन्स, विक्टोरिया में ऐतिहासिक श्री शिव विष्णु मंदिर में भी इसी तरह से तोडफ़ोड़ की गई थी। वहीं, 12 जनवरी को मेलबर्न में स्वामीनारायण मंदिर को असामाजिक तत्वों द्वारा भारत विरोधी नारों के साथ विरूपित किया था। विक्टोरिया की कार्यवाहक प्रीमियर जसिंटा एलन ने बताया कि सभी विक्टोरियाई लोग नस्लवाद, निंदा और घृणा से मुक्त अपने विश्वास का पालन करने के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि, यह व्यवहार अधिकांश विक्टोरियाई लोगों की सोच को नहीं दर्शाता है। विक्टोरिया की विविधता हमारी सबसे मजबूत संपत्तियों में से एक है, और हम इन हमलों की निंदा करते हैं।
इस्कॉन मंदिर पर यह हमला विक्टोरियन बहु-विश्वास नेताओं की विक्टोरियाई बहुसांस्कृतिक आयोग के साथ एक आपातकालीन बैठक के ठीक दो दिन बाद हुआ, जिसके बाद कथित तौर पर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हिंदुओं के प्रति नफरत फैलाने के विरोध में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया था। विक्टोरियन लिबरल पार्टी के सांसद ब्रैड बैटिन ने बताया कि, ये घटिया काम है। हमें ऐसा नहीं होने देना चाहिए। संसद के संघीय सदस्य जोश बर्न्स ने भी एक बयान जारी कर कहा, अल्बर्ट पार्क में हरे कृष्ण मंदिर पर घृणित हमले के बारे में जानकर आज मैं स्तब्ध रह गया। हाल के हफ्तों में मेलबर्न में हिंदू पूजा स्थलों के खिलाफ बर्बरता की यह तीसरी घटना है।
आईटी परामर्शदाता और इस्कॉन मंदिर के भक्त शिवेश पांडे ने कहा, विक्टोरिया पुलिस पिछले दो हफ्तों में उन लोगों के खिलाफ कोई निर्णायक कार्रवाई करने में विफल रही है, जो शांतिपूर्ण हिंदू समुदाय के खिलाफ अपना नफरत भरा एजेंडा चला रहे हैं। वहीं, भारत सरकार ने पिछले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों में तोडफ़ोड़ की निंदा की और कहा कि इस मामले को कैनबरा में ऑस्ट्रेलियाई सरकार के साथ उठाया गया है और अपराधियों के खिलाफ तेजी से जांच करने के लिए कहा गया है। भारत में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फारेल ने भारतीय हस्तक्षेप के बाद एक बयान जारी किया। उन्होंने ट्वीट किया, हम मेलबर्न में दो हिंदू मंदिरों में हुई तोडफ़ोड़ से स्तब्ध हैं। इसे लेकर ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी जांच कर रहे हैं।
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