नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्र शासित प्रदेश अंदमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनने वाले नेताजी को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के मॉडल का भी अनावरण किया।
अंदमान-निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की स्मृति का सम्मान करने के लिए, रॉस द्वीप समूह का नाम बदलकर 2018 में द्वीप की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा गया था। नील द्वीप और हैवलॉक द्वीप का नाम बदलकर शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप कर दिया गया।
देश के वास्तविक जीवन के नायकों को उचित सम्मान देना प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी भावना के साथ आगे बढ़ते हुए अब द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अज्ञात द्वीपों का नामकरण 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर करने का निर्णय लिया गया है। सबसे बड़े अनाम द्वीप का नाम पहले परमवीर चक्र विजेता और दूसरे सबसे बड़े अज्ञात द्वीप का नाम दूसरे परमवीर चक्र विजेता के नाम पर है। । यह कदम हमारे नायकों के प्रति एक चिरस्थायी श्रद्धांजलि होगी, जिनमें से कई ने राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था।
परमवीर चक्र विजेता, जिनके नाम पर किया गया द्वीपों का नामकरण
मेजर सोमनाथ शर्मा, सूबेदार और मानद कप्तान (तत्कालीन लांस नायक) करम सिंह, सेकंड लेफ्टिनेंट राम राघोबा राणे, नायक जदुनाथ सिंह, कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह, कैप्टन जीएस सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल (तत्कालीन मेजर) धन सिंह थापा, सूबेदार जोगिंदर सिंह, मेजर शैतान सिंह, हवलदार अब्दुल हमीद, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, मेजर होशियार सिंह, सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, नायब सूबेदार बाना सिंह, कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे, सूबेदार मेजर (तत्कालीन राइफलमैन) संजय कुमार और सूबेदार मेजर सेवानिवृत्त (मानद कैप्टन) ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव।
नामकरण महत्वपूर्ण
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के मौके पर अंदमान एवं निकोबार द्वीप समूह में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रधानमंत्री भी इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। अमित शाह ने कहा, “आज का दिन भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं के लिए एक महत्वपूर्ण है। परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर अंदमान एवं निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों का नामकरण करने की प्रधानमंत्री मोदी की महान अभूतपूर्व पहल हमारे सशस्त्र बलों के लिए बहुत ही प्रेरणादायक है।”
पूरे विश्व में इससे पहले नहीं हुई इस तरह की पहल
अमित शाह ने कहा कि परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं के नाम पर द्वीपों का नाम रखने की प्रधानमंत्री की पहल यह सुनिश्चित करेगी कि उन्हें हमेशा याद रखा जाए। प्रधानमंत्री के मजबूत नेतृत्व में लिए गए सभी निर्णय निश्चित रूप से भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के साथ अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के जुड़ाव को स्वीकार करते हैं और इसकी सराहना करते हैं। शाह ने कहा कि पूरे विश्व में किसी भी देश ने अपने लिए लड़ने वाले जवानों के नाम पर अपने द्वीपों का नाम रख कर उनको सम्मानित करने का कदम नहीं उठाया। आज भारत के प्रधानमंत्री की यह पहल जिसके तहत अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के 21 बड़े द्वीपों को हमारे परमवीर चक्र विजेताओं के नाम के साथ जोड़ कर, उनकी स्मृति को जब तक यह पृथ्वी रहेगी तब तक चिरंजीव करने का प्रयास सेना का उत्साह बढ़ाएगा।
आजादी की लड़ाई का तीर्थ स्थान है सेल्युलर जेल
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि सेल्युलर जेल महज एक जेल नहीं, आजादी की लड़ाई का एक बहुत बड़ा तीर्थ स्थान है। देश के इसी हिस्से को सबसे पहले स्वतंत्रता प्राप्त होने का सम्मान मिला और स्वयं नेताजी द्वारा तिरंगा फहरा कर यह सम्मान मिला। आज 21 द्वीपों को नाम नहीं दिया गया है बल्कि 21 वीरों के पराक्रम को नमन करते हुए 21 दीप जलाने का काम प्रधानमंत्री द्वारा किया गया है। शाह ने कहा कि यह दुर्भाग्य रहा कि नेताजी सुभाष चंद्र को भुलाने का बहुत प्रयास किया गया लेकिन जो वीर होते हैं वो अपनी स्मृति के लिए किसी के मोहताज नहीं होते हैं। हमने सुभाष बाबू की कर्तव्य पथ पर मूर्ति लगाने का काम किया, उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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