पाकिस्तान में हिन्दू उत्पीड़न थमने का नाम नहीं ले रहा है। सिंध और खैबर पख्तूनख्वा में तो अल्पसंख्यक हिन्दू लगातार मजहबी उन्मादियों के निशाने पर हैं। हिन्दू बहू—बेटियों को अगवा करना, उनको कन्वर्ट करके मुस्लिम बनाना, अधेड़ शादीशुदा मुसलमानों से जबरन निकाह कराना, हिन्दुओं के घर—दुकानों को कब्जाना आदि कुछ तरीके हैं जो हिन्दुओं की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है, उनका जीना मुािल हो चला है। हिन्दू खौफ के साए में जीने को विवश हैं। ताजा प्रकरण खैबर पख्तूनख्वा सूबे के मलकंद नामक स्थान में घटा है। यहां एक मंदिर पर मजहबी उन्मादियों की भीड़ ने जमकर तोड़फोड़ की है। वहां रहने वाले हिन्दुओं को इतना डरा दिया है कि कई परिवार तो वहां से अन्यत्र जाते देखे गए हैं।
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मलकंद में मंदिर में तोड़फोड़ के बाद वहां बसे हिंदू परिवारों के साथ मारपीट के समाचार भी मिले हैं। इलाके में मजहबी उन्मादियों का ऐसा डर है कि लगभग चार हिन्दू परिवार वहां से सामान समेटकर कहीं और चले गए हैं। इस प्रकरण का सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी साझा किया गया है जिसमें मजहबी उन्मादी हिंदू युवकों के साथ मारपीट करते दिखाई दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि इसी सूबे में भोंग नामक स्थान पर मजहबी उन्मादियों की भीड़ ने स्थानीय मंदिर में उपद्रव मचाया था, मूर्तियों को तोड़ा था। ऐसा इसलिए किया गया था, क्योंकि अदालत ने एक स्थानीय मदरसे की दीवार पर एक 8 साल के हिन्दू बच्चे द्वारा कथित पेशाब करने के ‘अपराध’ में जमानत दे दी थी। मजहबी नाराज हो गए और मंदिर पर टूट पड़े। उस गणेश मंदिर में तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी।
पाकिस्तान की हिंदू आबादी अधिकांशत: सिंध सूबे में निवास करती है। यहां मजहबी उन्मादी आएदिन उनके विरुद्ध साजिशें रचकर उन्हें ‘अपराधी’ साबित करने पर तुले रहते हैं। हिन्दू लड़कियों को अगवा, कन्वर्ट करने की सबसे ज्यादा घटनाएं इसी सूबे में देखने में आती हैं। पुलिस प्रशासन भी ज्यादाातर उन्मादियों के पक्ष में खड़ा दिखता है। हिन्दू जनजातीय समुदाय विशेष रूप से इस अत्याचार के शिकार होते आ रहे हैं।
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