फतेहपुर जिले के देवीगंज स्थित इंडियन प्रेस विटीरियन चर्च में कन्वर्जन का मामला सामने आया है, जहां डीम्ड विश्वविद्यालय शुआट्स के निदेशक विनोद बिहारी लाल, वाइस चांसलर राजेन्द्र बिहारी लाल, सुनील बिहारी लाल, डॉ. जोनाथन लाल, अजय लारेंस, प्रवक्ता रमाकांत दुबे, स्टीफेन दास समेत 10 नामजद व 50 अज्ञात के खिलाफ कन्वर्जन के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।
सुल्तानपुर जिले के सर्वेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि 25 जनवरी 2021 को वह फतेहपुर गए थे। उसी दौरान उनकी मुलाकात रामचंद्र से हुई। फतेहपुर के निवासी रामचंद्र ने उनसे कहा कि अगर वह कन्वर्जन कर ले तो कोई काम नहीं करना पड़ेगा और शुआट्स संस्था नकद रुपये देकर पूरे परिवार का खर्च वहन करेगी। नौकरी भी शुआट्स में लगवा दी जाएगी। इसके बाद वह उसे देवीगंज स्थित इंडियन प्रेस चर्च ले गया। वहां पर पादरी से मुलाकात कराई गई, पादरी ने भी उपहार के साथ नगद रुपये देने की बात कही थी। इसके बाद वह पादरी के साथ नैनी शुआट्स पहुंचा।
वहीं पुलिस का कहना है कि दस नामजद व पचास अज्ञात के खिलाफ कन्वर्जन के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। वादी का का बयान न्यायालय में कराया जाएगा। अभियुक्तों के खिलाफ साक्ष्य भी संकलित किए जा रहे हैं। साक्ष्य मिलने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है, कि कुछ समय पहले फतेहपुर जिले के हरिहरगंज के चर्च में भी सामूहिक कन्वर्जन का मामला सामने आया था, इसमें 56 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इस मामले में पुलिस ने जब विवेचना शुरू की तो शुआट्स के प्रबंध निदेशक विनोद बिहारी लाल और वाइस चांसलर को नोटिस भेजकर बयान देने के लिए बुलाया गया था। पुलिस का कहना है कि आइजेक फ्रैंक शुआट्स के बोर्ड मेंबर हैं। स्वतंत्र गवाह के रूप में फ्रैंक से 60 बिंदुओं पर पूछताछ की गई।
जहां फ्रैंक ने पुलिस को बताया कि 5 साल पहले विलसन किसपोटा निदेशक थे। उनका आईसीआईसीआई बैंक में 24 करोड़ रुपया जमा था। उस पैसे का गबन कर लिया गया था। इस मामले में कुछ लोगों को जेल भेजा गया था। और गबन के रुपयों से लखनऊ मोहनलालगंज, मिर्जापुर, बंगलूर, रुड़की, अजमेर, इटावा, न्यूयार्क तक में यीशू दरबार खोले गए हैं।
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