15-20 लाख रुपये की आसान कमाई को ना कहना बहुत चरित्र, दृढ़ विश्वास और ईमानदारी की मांग करता है। लेकिन असम पुलिस के 2 होमगार्ड ने 20 लाख की रिश्वत लेने से इंकार कर उस चरित्र को दिखाया है। न केवल उन्होंने रिश्वत देने से इनकार कर दिया, बल्कि ग्राम रक्षा पार्टी (वीडीपी) के सचिव के साथ करीमगंज जिले में 40 करोड़ रुपये की ड्रग्स भी जब्त की। डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने कहा, ”यह बताते हुए खुशी हो रही है कि असम पुलिस में ऐसे लोग हैं और मुझे इस बात पर बेहद गर्व है.”
रिपोर्ट के अनुसार, 17/01/23 की 3:30 पूर्वाह्न पर, होमगार्ड्स अनुपम मालाकार और जाशिम उद्दीन एक संक्षिप्त पीछा करके एक मारुति ऑल्टो कार को रोका, जिसने पहले उनसे बचने की कोशिश की थी। होमगार्ड्स ने स्थानीय वीडीपी इकाई के सचिव अमित पाल को भी मौके पर बुलाया। पकड़े जाने पर कार चला रहे ड्रग पैडलर मोहम्मद हादियस जमान ने होमगार्ड्स अनुपम मालाकार और जाशिम उद्दीन को 15-20 लाख रुपये रिश्वत देने की कोशिश की। लेकिन तीनों ने बड़ी रकम लेने से मना कर दिया और कानून के मुताबिक काम किया।
तीनों ने फिर स्थानीय पुलिस को सूचित किया, जिन्होंने बाद में कार से 7,59,200 याबा टैबलेट बरामद किए। इस जब्त माल का बाजार मूल्य करीब 40 करोड़ रुपये है और यह असम में याबा टैबलेट की सबसे बड़ी जब्त है।
डीजीपी महंत ने कहा, “इतनी ईमानदारी, कर्तव्य के प्रति समर्पण! तीनों को प्रमाण पत्र के साथ-साथ 50-50 हजार रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। हमें उनमें से प्रत्येक पर बहुत गर्व है! वे असम पुलिस की सच्ची भावना को दर्शाते हैं।”
करीमगंज के पुलिस अधीक्षक पद्मनाव बरुआ ने कहा, “ड्रग पेडलर हादियस जमान को गिरफ्तार कर लिया गया है। हमने एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है।”
बता दें कि इससे पहले जून 2021 में कार्बी आंगलोंग जिले में तैनात एक अन्य होमगार्ड बोरसिंह बे ने तब सुर्खियां बटोरीं, जब उन्होंने ड्रग डीलरों से रिश्वत लेने से इनकार कर दिया और पुलिस को 12 करोड़ रुपये मूल्य के 3 किलोग्राम हाई-ग्रेड क्रिस्टल मेथामफेटामाइन जब्त करने में मदद की।
हिमंत बिस्वा सरमा कैबिनेट ने 24 जून, 2021 को बोरसिंह बे को असम पुलिस में एक कांस्टेबल के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया और उन्हें 1 लाख रुपये नकद से सम्मानित किया। होमगार्ड बोरसिंग बे ने मणिपुर से आ रहे एक ट्रक को रोकने और मेथम्फेटामाइन की गोलियां बरामद करने में अहम भूमिका निभाई थी।
बता दें कि तमिलनाडु की दो महिलाओं और मणिपुर के एक व्यक्ति, जिन्हें बाद में गिरफ्तार किया गया था, उन्होंने जाने देने के लिए “भारी रिश्वत” की पेशकश की थी। लेकिन बोरसिंह ने इससे इनकार कर दिया और तुरंत पुलिस पेट्रोलिंग टीम को सूचना दी।
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