खुद को अराजक कहने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब तू-तड़ाक पर उतर आए हैं। विधानसभा में उनके भाषण की क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई। जिसमें वह रहे हैं कि – बेगानी शादी में अब्दुल दीवाना, ये एलजी कहां से आ गया, कौन है एलजी, कहां से आ गया एलजी, … कौन लेफ्टिनेंट गवर्नर…। उनके इस बयान की राजनीतिक गलियारे में काफी आलोचना हो रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना ने इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि आपके प्रश्नों का जवाब नहीं दूंगा क्योंकि यह बातचीत बहुत निचले स्तर की होगी। उन्होंने यह भी कहा कि अरविंद केजरीवाल का विधानसभा में दिया गया बयान असत्य, अपमानजनक और भ्रामक है।
एलजी ने अपने पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री को अपने संवैधानिक अधिकारों के बारे में जानकारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से मेरे संज्ञान में आया है कि बीते कुछ दिनों में आपने विधानसभा के अंदर और बाहर कई आपत्तिजनक बातें कहीं हैं। जैसे कि ‘एलजी कौन है’ और ‘कहां से आया है, ऐसे प्रश्नों का उत्तर आपको दिया जा सकता है, लेकिन मैं इसका कोई जवाब नहीं दूंगा क्योंकि यह बातचीत बहुत निचले स्तर की होगी। विधानसभा में इस प्रकार की टिप्पणी देना उचित नहीं है। पिछले सप्ताह शुक्रवार को अपने साथ मुख्यमंत्री की हुई मीटिंग की बातों को जिस तरह विधानसभा में मुख्यमंत्री ने रखा वो बिलकुल गलत है। उन्होंने कहा हमने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को मिलने का समय दिया था। वह आते तो प्रेम से चाय- नाश्ता भी करवाते। हालांकि मुख्यमंत्री द्वारा मीडिया में बयान दिया गया कि एलजी मिलना नहीं चाहते हैं, जबकि इतने कम समय में मार्च करते हुए आए 70-80 लोगों के लिए व्यवस्था कर पाना संभव नहीं था।
स्कूलों में शिक्षा के गिरते स्तर पर भी की चर्चा
केजरीवाल के “आप मेरे हेडमास्टर नहीं हैं” बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, सक्सेना ने भी कटाक्ष किया और कहा, मैं आपके ध्यान में कुछ मुद्दों को लाना उचित समझता हूं। मैं एक ‘हेडमास्टर’ के रूप में काम नहीं कर रहा हूं, बल्कि लोगों की कर्तव्यनिष्ठ आवाज हूं। पिछले सात साल से दिल्ली में ही रह रहा हूं। दिल्ली की मुझे भी फिक्र है। इसके अलावा उन्होंने शिक्षा के मुद्दे पर भी मुख्यमंत्री को घेरा है और दिल्ली सरकार के स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों के गिरते प्रतिशत का जिक्र भी अपने पत्र में किया है। शिक्षकों के फिनलैंड भेजकर ट्रेनिंग को लेकर जिस तरह केजरीवाल ने टिप्पणी की थी इसका भी उन्होंने खंडन करते हुए कहा कि पिछले 7-8 सालों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर जिस तेजी से सुधार होना चाहिए वह नहीं हुआ है। सक्सेना ने यह भी कहा कि उन्होंने फिनलैंड में शिक्षकों के प्रशिक्षण के प्रस्ताव को खारिज नहीं किया है और यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने केवल लागत-लाभ का विवरण मांगा है।
केजरीवाल ने कहा- हमें अपना काम करने दीजिए
अरविंद केजरीवाल ने एलजी के पत्र का जवाब देते हुए कहा कि आज सुबह आपका पत्र मिला। सर, हमें अपना काम करने दीजिए, आप दिल्ली की कानून व्यवस्था ठीक कीजिए ताकि कंझावला जैसा दूसरा केस फिर ना हो।
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