नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन की टेलीविजन मीडिया बीबीसी की गुजरात दंगों से संबंधित डॉक्यूमेंट्री पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। मंत्रालय ने कहा कि इसके पीछे कोई मंशा और एजेंडा है तथा यह औपनिवेशिक मानसिकता का परिचायक है।
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री में गुजरात दंगों के संबंध में गुजरात के तात्कालिक मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर दोषारोपण किया गया है। इसमें ब्रिटेन के तत्कालीन विदेश मंत्री जैक स्ट्रॉ का भी बयान शामिल किया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि यह एक प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री है तथा इसमें एक घिसीपीटी कहानी को दोहराया गया है, जिसमें सच्चाई नहीं है तथा यह पक्षपातपूर्ण है। उन्होंने कहा कि डॉक्यूमेंट्री औपनिवेशिक मानसिकता का नग्न प्रदर्शन है।
अरिंदम बागची ने कहा कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का भारत में प्रसारण नहीं किया गया है, लेकिन इस संबंध में ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग से जानकारी मिली है। प्रवक्ता का ध्यान इस बात पर दिलाया गया की डॉक्यूमेंट्री यूट्यूब पर उपलब्ध है तथा इसे हटाने के लिए क्या कदम उठाया जा रहा है तो उन्होंने कहा कि संबंधित मंत्रालय आवश्यक प्रावधानों के तहत गौर करेगा।
उन्होंने कहा कि इस तरह की डॉक्यूमेंट्री तैयार करने से इससे जुड़े व्यक्तियों और एजेंसियों की छवि पर ही सवाल खड़े होते हैं। इसके पीछे आखिर क्या उद्देश्य और एजेंडा है। इस बारे में वह टिप्पणी कर वे अनावश्यक महत्व नहीं देना चाहेंगे।
उन्होंने डॉक्यूमेंट्री में ब्रिटेन के तत्कालीन विदेश मंत्री जैक स्ट्रॉ के कथन और गुजरात दंगों के संबंध में नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायुक्त की कथित गोपनीय जांच रिपोर्ट को नकार दिया। उन्होंने कहा कि आखिर यह कैसी जांच और कैसी रिपोर्ट है। क्या वे यह समझते हैं कि वे अभी भी भारत के शासक हैं। वास्तव में यह औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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