"भारतीय राष्ट्रवाद के खिलाफ है सिमी, इस्लामिक शासन उद्देश्य, प्रतिबंध सही", केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत दिल्ली

“भारतीय राष्ट्रवाद के खिलाफ है सिमी, इस्लामिक शासन उद्देश्य, प्रतिबंध सही”, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा

सिमी को देश में इस्लामिक शासन स्थापित करने के उसके उद्देश्य से काम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती

by WEB DESK
Jan 18, 2023, 08:36 pm IST
in दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करने वाली गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल है। सरकार ने प्रतिबंध को सही ठहराते हुए कहा कि सिमी भारतीय राष्ट्रवाद और कानून के खिलाफ है। सिमी को देश में इस्लामिक शासन स्थापित करने के उसके उद्देश्य से काम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। सिमी पर लगे प्रतिबंध को चुनौती वाले मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी। आज दोनों पक्षों ने मामले की सुनवाई टालने की मांग की, जिसके बाद जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई टाल दी।

हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि 2001 के बाद से लगातार प्रतिबंध के बावजूद सिमी का अस्तित्व बना हुआ है। सरकार ने बताया कि तीन दर्जन से अधिक संगठनों के जरिए अपनी गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से बनाए गए संगठनों के जरिए काम करने की वजह 2019 में पांच साल के प्रतिबंध का आदेश दिया गया। सिमी के ये फ्रंट संगठन सिमी को विभिन्न गतिविधियों में मदद करते हैं जिसमें धन संग्रह, साहित्य का संचलन, कैडरों का पुनर्समूहीकरण आदि शामिल हैं। बता दें कि सिमी के एक पूर्व सदस्य ने संगठन पर 2019 में लगाए गए प्रतिबंध को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

(सौजन्य सिंडिकेट फीड)

Topics: सिमी बैनइस्लामिक शासनस्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडियाकेंद्र सरकारसुप्रीम कोर्ट
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

सुप्रीम कोर्ट

वक्फ कानून के खिलाफ याचिकाओं पर जस्टिस गवई की बेंच करेगी सुनवाई, चीफ जस्टिस खन्ना 13 मई को हो रहे सेवानिवृत 

सुप्रीम कोर्ट

“बेहद गंभीर वक्त है, सेना का मनोबल न गिराएं”, पहलगाम आतंकी हमले पर सुनवाई से SC का इनकार, लगाई फटकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

केंद्र सरकार कराएगी जातिगत जनगणना, लिया बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट

पेगासस से जुड़ी पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होगी, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए स्पाइवेयर का इस्तेमाल गलत नहीं : SC

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: शरिया अदालत और फतवे कानूनी रूप से अमान्य

सुप्रीम कोर्ट

OTT और सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट बैन की मांग, नेटफ्लिक्स, उल्लू, ट्विटर, मेटा, ऑल्ट बालाजी, गूगल को नोटिस

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के मंसूबों का मुंहतोड़ जवाब देती भारत की वायु रक्षा प्रणाली, कैसे काम करते हैं एयर डिफेंस सिस्टम?

काशी विश्वनाथ धाम : ‘कोविलूर टू काशी’ शॉर्ट फिल्म रिलीज, 59 सेकेंड के वीडियो में दिखी 250 साल पुरानी परंपरा

उत्तर-दक्षिण भारत के सांस्कृतिक सेतु

पश्चिमी कृपा का आनंद लेने वाला पाकिस्तान बना वैश्विक आतंकवाद का केंद्र : मेलिसा चेन

कुमार विश्वास ने की बलूचिस्तान के आजादी की प्रार्थना, कहा- यही है पाकिस्तान से छुटकारा पाने का सही समय

‘ऑपरेशन सिंदूर’ युद्ध नहीं, भारत की आत्मा का प्रतिकार है : जब राष्ट्र की अस्मिता ही अस्त्र बन जाए!

यह युद्ध नहीं, राष्ट्र का आत्मसम्मान है! : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ऑपरेशन सिंदूर को सराहा, देशवासियों से की बड़ी अपील

शाहिद खट्टर ने पीएम शहबाज शरीफ को बताया गीदड़

मोदी का नाम लेने से कांपते हैं, पाक सांसद ने पीएम शहबाज शरीफ को बताया गीदड़

ऑपरेशन सिंदूर पर बोले शशि थरूर– भारत दे रहा सही जवाब, पाकिस्तान बन चुका है आतंकी पनाहगार

ड्रोन हमले

पाकिस्तान ने किया सेना के आयुध भण्डार पर हमले का प्रयास, सेना ने किया नाकाम

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies