उत्तराखंड की महान विभूतियां : विश्वेश्वर दत्त सकलानी, 50 लाख वृक्ष लगाने वाला युगपुरुष,
May 18, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तराखंड

उत्तराखंड की महान विभूतियां : विश्वेश्वर दत्त सकलानी, 50 लाख वृक्ष लगाने वाला युगपुरुष,

विश्वेश्वर दत्त सकलानी जिन्हें वृक्ष मानव, वनऋषि, पहाड का मांझी भी कहा गया, उन्होंने उत्तराखण्ड की सम्पूर्ण सकलाना घाटी को अपने भगीरथ प्रयास से हरा भरा कर जीवनदान दिया था।

by उत्तराखंड ब्यूरो
Jan 18, 2023, 07:28 pm IST
in उत्तराखंड
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भारत के सांस्कृतिक इतिहास की विरासत को संजोकर रखने में उत्तराखंड राज्य का योगदान किसी भी दृष्टि से कम नहीं है। भारत के उत्तर दिशा में स्थित सुदूर विकट भौगोलिक परिस्थितियों वाले पहाड़ी राज्य का नाम हैं उत्तराखण्ड।उत्तराखण्ड राज्य में अनेकों महान विभूतियों ने जन्म लिया हैं जो आध्यात्मिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, पर्यावरण संरक्षण, कला, साहित्य, आर्थिक, देश की रक्षा एवं सुरक्षा जैसे अनेकों महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विश्वप्रसिद्ध हुए हैं। देश की इन्हीं महान विभूतियों की कतार में स्थान प्राप्त करने वालों में सबसे चर्चित और विख्यात प्रतिष्ठित नाम विश्वेश्वर दत्त सकलानी का आता हैं। पर्यावरण के संरक्षण के क्षेत्र में जिस राज्य ने देश को महत्वपूर्ण चिपको आंदोलन दिया, जहां सुंदरलाल बहुगुणा, चंडीप्रसाद भट्ट, गौरा देवी जैसे महान पर्यावरण के हितेषी पैदा हुए हैं। उस उत्तराखंड राज्य में एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में 50 लाख से अधिक वृक्ष लगाने के बावजूद भी हमेशा गुमनामी के दौर में जीता रहा था। विश्वेश्वर दत्त सकलानी जिन्हें वृक्ष मानव, वनऋषि, पहाड का मांझी भी कहा गया, उन्होंने उत्तराखण्ड की सम्पूर्ण सकलाना घाटी को अपने भगीरथ प्रयास से हरा भरा कर जीवनदान दिया था।

जन्म – 2 जून सन 1922 ग्राम पुजार, सकलाना पट्टी, टिहरी, उत्तराखण्ड.
देहावसान – 18 जनवरी सन 2019 ग्राम पुजार, सकलाना पट्टी, टिहरी, उत्तराखण्ड.

विश्वेश्वर दत्त का जन्म टिहरी जिले की सकलाना पट्टी के ग्राम पुजार में 2 जून सन 1922 को हुआ था। बालक विश्वेश्वर ने अपने दादा से प्रकृति को सुंदर और हरा भरा रखने के लिए वृक्ष के महत्व को समझा था। बचपन से ही विश्वेश्वर को पेड लगाने का शौक था, वह अपने दादा के साथ जंगलों में पेड लगाने जाते थे। उनके बडे भाई नागेन्द्र सकलानी टिहरी रियासत के खिलाफ विद्रोह में बलिदान हो गए थे। दशरथ मांझी की तरह विश्वेश्वर दत्त सकलानी के जीवन में अहम बदलाव तब आया जब उनकी पत्नी शारदा देवी का देहांत हुआ था। पत्नी और भाई की असमय मृत्यु ने उनका वृक्षों से लगाव बढा दिया था तब वृक्षारोपण ही उनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य बन गया था। पुजार के ग्रामवासी बताते है कि सन 1985 में उनकी पुत्री मंजू का विवाह के समय जब कन्यादान होने जा रहा था तो वह उस समय भी जंगल में वृक्षारोपण करने चले थे। उनकी खोजबीन की गई तो पता लगा कि वह कुछ पेडों को लेकर गांव के ऊपर जंगल में लगाने चले गये थे। ग्रामीण उन्हें लेने जंगल गए तो पुत्री के कन्यादान के पश्चात उन्होने वर–वधू के साथ सभी बारातियों से भी वृक्षारोपण कराया था।विश्वेश्वर दत्त सकलानी का आदर्श वाक्य था ”वृक्ष मेरे माता-पिता, वृक्ष मेरी संतान, वृक्ष मेरे संगी साथी” इसके प्रति उन्होंने हमेशा ईमानदारी, प्रतिबद्धता, जुनून और समर्पण दिखाया था और इसी संकल्प से उन्होंने टिहरी जिले की सकलाना घाटी की पूरी तस्वीर ही बदल दी थी।

विश्वेश्वर दत्त सकलानी के इस विकट संकल्प की राह में मुश्किलें भी बहुत आई थी। जगलों में बांज, बुरांश, देवदार, अखरोट सहित स्थानीय प्रजाति के वृक्षों को लगाने में सबसे पहले स्थानीय ग्रामीणों ने ही इनका विरोध किया था लेकिन उनका जूनून कभी भी कम नही हुआ था। पहले इस पूरे इलाके में अधिकतर इलाका वृक्षविहीन था, धीरे धीरे उन्होने वृक्ष लगाना शुरु किया तो ग्रामीणों ने इसका काफी विरोध किया था। स्थानीय ग्रामीणों का मानना था कि खाली पहाड़ में घास होती थी जो पशु–जानवरों के कार्य आती थी। उन्हे कई बार मारा–पीटा भी गया था लेकिन उन्होंने अपना जूनून नही छोडा था। उनके लगाए जंगल से ग्रामीणों को पशुओं के लिए प्रचुर मात्रा में चारा उपलब्ध होने लगा और सूखते जलस्रोतों में जलधाराएं फूटने लगी तो वहीं ग्रामीण फिर इस मुहिम में विश्वेश्वर दत्त के साथ जुड गए थे। उनके इसी संघर्ष का परिणाम है कि वर्तमान में 1200 हेक्टेयर से भी अधिक क्षेत्रफल में उनके लगाये गये वृक्ष पूरी शान से सीना ताने खड़े हैं। यह शाश्वत सत्य है कि जहां वृक्ष होते हैं वहीं पानी भी होता है, विश्वेश्वर दत्त के प्रयासों से ही सूखते जलस्रोतों को भी नया जीवन मिला और वही सूखे जलस्रोत आज सम्पूर्ण घाटी को नया जीवन दे रहे है। जनहित के इस महान कार्य के लिये 19 नवंबर सन 1986 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने विश्वेश्वर दत्त को इंदिरा प्रियदर्शिनी वृक्ष मित्र पुरस्कार से सम्मानित किया था। आश्चर्य का विषय रहा कि सन 1987 में वन विभाग ने उनके विरुद्व जंगल में बिना अनुमति के पेड़ लगाने पर मुकदमा दर्ज कर दिया था, वह कई वर्षो तक कानूनी लड़ाई लडते रहे और अंत में न्यायालय ने उनकी लगन और मेहनत को स्वीकार कर सराहना करते हुए वन विभाग को ही कड़ी फटकार लगाई थी। न्यायालय ने फैसला सुनाया कि वन कानून की धारा 16 के तहत पेड़ लगाना कोई अपराध नही हैं। सन 2004 में वन विभाग के साथ एक निजी संस्था ने यह निष्कर्ष निकाला था कि विश्वेश्वर दत्त ने अपने जीवनकाल में 50 लाख से अधिक पेड़ लगाये थे। इस तरह उन्होंने औसतन एक वर्ष में 70 से 80 हजार से अधिक पेड़ लगाये थे। इस वन संपदा का आंकलन करीब साढे चार हजार करोड आंका गया था।

विश्वेश्वर दत्त सकलानी की उम्र बढ़ने के साथ–साथ नजर भी कमजोर हो चली थी। चिकित्सकों ने उन्हें धूल–मिट्टी से दूर रहने के लिये कहा था लेकिन विश्वेश्वर दत्त को यह कतई मंजूर नहीं था। अंतत: सन 2007 में उनकी आंखों की रोशनी चली गयी थी। उन्हे अब चलने फिरने में भी दिक्कत हो गई थी। जीवन के अंतिम दिन उन्होंने गाँव में अपने बेटे के साथ बिताए। उत्तराखण्ड की इस महान विभूति ने पेड़ों से दोस्ती की जो डोर बांधी थी उसे 96 साल की उम्र में 18 जनवरी सन 2019 तक देहत्याग करने तक पूरे मन प्राण से निभाया था। वह अपने पीछे वह सदियों तक रहने वाली प्रेरणा देते रहने वाली निशानी छोड़ गये थे। विश्वेश्वर दत्त सकलानी ने पद्श्री सुन्दरलाल बहुगुणा, धूम सिंह नेगी, कुंवर प्रसून और विजय जड़धारी के साथ कार्य किया था। बीज बचाओ आंदोलन के संस्थापक विजय जड़धारी के अनुसार सन 1980 के दशक में चिपको आंदोलन के दौरान उन्हीं के प्रयासों सकलानी घाटी से निकलने वाली सौंग नदी फिर से पुनर्जीवित हो पाई थी।चिपको आंदोलन के बाद भारत सरकार ने हिमालय में एक हजार मीटर से अधिक ऊंचाई पर हरे वृक्षों के कटान पर रोक लगा दी थी। मैती आंदोलन के संस्थापक कल्याण सिंह रावत के अनुसार विश्वेश्वर दत्त सकलानी ने धरातल पर रहकर काम किया था, उन्होने अपना सम्पूर्ण पूरा जीवन पर्यावरण को समर्पित कर दिया था। स्थानीय ग्रामीण आज हरे भरे जंगल देखकर खुश है लेकिन उन्हे इस बाद का आक्रोश है विश्वेश्वर दत्त सकलानी की तपस्या से खडा हुआ जंगल आज संरक्षण के अभाव में नष्ट हो रहा है। बेहद दुखद विषय है कि उस पहाड़ के मांझी वनऋषि का जीवन हमेशा गुमनामी में बीता था, उनके महान कार्य को कभी भी वह पहचान नहीं मिल पाई, जिसके वह हकदार थे।

Topics: विश्वेश्वर दत्त सकलानी50 लाख वृक्ष लगाने वाला युगपुरुषVishweshwar Dutt Saklanithe man who planted 50 lakh treesuttarakhand newsउत्तराखंड समाचारNational Newsराष्ट्रीय समाचारउत्तराखंड की महान विभूतिGreat personalities of Uttarakhand
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

तुर्की के खिलाफ भरी हुंकार : स्वदेशी जागरण मंच ने Türkiye दूतावास के बाहर किया प्रदर्शन

अपना काम करने वालों को मिला सम्मान, अब स्व रोजगार से होगा पहाड़ का विकास

उत्तराखंड : धामी कैबिनेट की बैठक में गौवंश से लेकर तीर्थंटन को लेकर हुए महत्वपूर्ण फैसले

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग   (फाइल चित्र)

भारत के खिलाफ चीन की नई चाल! : अरुणाचल प्रदेश में बदले 27 जगहों के नाम, जानिए ड्रैगन की शरारत?

उत्तराखंड : जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र में भी डेमोग्राफी चेंज, लोगों ने मुखर होकर जताया विरोध

‘ऑपरेशन केलर’ बना आतंकियों का काल : पुलवामा-शोपियां में 6 खूंखार आतंकी ढेर, जानिए इनकी आतंक कुंडली

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

EOS-09

ISRO ने EOS-09 सैटेलाइट सफलतापूर्वक लॉन्च किया, आतंकवाद विरोधी ऑपरेशनों में निभाएगा अहम भूमिका

इंदौर में लव जिहाद का मामला सामने आया है

मध्य प्रदेश: एक और लव जिहाद का मामला, इंदौर में हिंदू लड़कियों को फंसाकर मुस्लिम युवकों ने किया दुष्कर्म

Yogi Aaditynath

सालार मसूद गाजी की दरगाह पर नहीं लगेगा ‘गाजी मियां’ का मेला, योगी सरकार के फैसले पर लगी मुहर

Amit Shah operation Sindoor Pakistan

पाकिस्तान को 100 KM अंदर तक घुसकर मारा, सेना ने ईंट का जवाब पत्थर से दिया, Operation Sindoor पर बोले अमित शाह

Indian army

Operation Sindoor: सरकार ने रक्षा बलों के लिए हथियार खरीद के लिए आपातकालीन खरीद शक्तियों को दी मंजूरी

Jyoti Malhotra Pakistan Spy

पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में यूट्यूबर गिरफ्तार, जानिए कौन है ज्योति मल्होत्रा

Shashi Tharoor shows mirror to Congress

केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तान की सच्चाई दुनिया के सामने लाने के लिए चुने गए शशि थरूर, कहा- हर जिम्मेदारी निभाऊंगा

दक्षिण अफ्रीका से अमेरिका आए श्वेत शरणार्थियों का स्वागत क्यों नहीं कर रहे डेमोक्रेट्स?

सुप्रीम कोर्ट

रोहिंग्याओं को समुद्र में फेंकने के दावे पर SC ने लगाई फटकार, कहा – देश मुश्किल हालात में और आप रोज नई कहानियां ला रहे

Assam police arrested 7 people sending OTP to Pakistan

Operation Ghost SIM: असम पुलिस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले 7 लोगों को किया गिरफ्तार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies